Move to Jagran APP

ब्रिटेन ने HCQ का ट्रायल रोका जबकि लांसेट जर्नल ने दवा को जानलेवा बताने वाला शोध वापस लिया

अब ब्रिटेन ने कोरोना मरीजों पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन के प्रभाव पर चल रहे परीक्षण को रोक दिया है। हालांकि लांसेट जर्नल ने दवा को जानलेवा बताने वाला शोध वापस ले लिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 02:34 AM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 02:34 AM (IST)
ब्रिटेन ने HCQ का ट्रायल रोका जबकि लांसेट जर्नल ने दवा को जानलेवा बताने वाला शोध वापस लिया
ब्रिटेन ने HCQ का ट्रायल रोका जबकि लांसेट जर्नल ने दवा को जानलेवा बताने वाला शोध वापस लिया

लंदन, रायटर। कोरोना संक्रमण के मरीजों पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन (एचसीक्यू) के प्रभाव को लेकर जारी दावों-प्रतिदावों के बीच ब्रिटेन ने भी शुक्रवार को इसका परीक्षण रोक दिया। ब्रिटेन ने यह कदम ऐसे वक्‍त में उठाया है जब‍ कुछ ही दिन पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवा के सुरक्षा संबंधी डाटा के अध्ययन के बाद फिर से परीक्षण की सिफारिश कर दी है।

loksabha election banner

परीक्षण का नेतृत्व करने वालों में से एक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मार्टिन लैंडरे ने कहा, 'हमने कोविड-19 के मरीजों पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन के परीक्षण के आंकड़ों का अध्ययन किया है। हमें मरीजों पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन के लाभदायक प्रभाव का कोई प्रमाण नहीं मिला। यह कोरोना मरीजों पर असरदार नहीं है।' वहीं भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) का कहना है कि कोरोना संक्रमितों के इलाज में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन असरदार है।

मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन उस समय चर्चा में आ गई थी जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि कोरोना मरीजों पर यह दवा असरदार है और यह गेमचेंजर साबित हो सकती है। इसी कड़ी में हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन पर मेडिकल पत्रिका लांसेट जर्नल ने एक रिपोर्ट छापी थी। इसमें कहा गया था कि मलेरिया के इलाज में काम आने वाली दवा हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन (HCQ, Hydroxychloroquine) कोरोना संक्रमित मरीजों पर प्रभावी नहीं है।

इस दावे के बाद हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन के प्रभाव को लेकर चल रहे कई परीक्षण रोक दिए गए थे। हालांकि लांसेट जर्नल गुरुवार को अपनी उस रिपोर्ट से पीछे हट गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अपने आकलन में इस्तेमाल प्रारंभिक आंकड़ों की सत्यता को प्रमाणित नहीं कर पाने के चलते लांसेट जर्नल में प्रकाशित अध्‍ययन के शोधकर्ताओं ने यह दावा वापस लिया है। इससे पहले न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन को भी वापस ले लिया गया था।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अध्‍ययन में कहा गया था कि कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों में मौत का जोखिम पहले से मौजूद हृदय की किसी बीमारी से जुड़ा हुआ है। उल्‍लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) दो सप्ताह तक हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) की खुराक लेने का दावा किया था। अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि राष्‍ट्रपति ट्रंप बिल्‍कुल ठीक हैं।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.