ईयू से शुक्रवार को अलग होगा ब्रिटेन, भारत संग बनेगा खास रिश्ता
ईयू से असग होने के अगले दिन शनिवार से वह नए समझौतों के लिए प्रक्रिया शुरू कर देगा। इस सिलसिले में बनाई गई सूची में भारत उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता वाले देशों में शामिल है।
लंदन, प्रेट्र। 31 जनवरी को ब्रिटेन औपचारिक रूप से यूरोपीय यूनियन (ईयू) से अलग हो जाएगा। इसके अगले दिन शनिवार से वह नए समझौतों के लिए प्रक्रिया शुरू कर देगा। इस सिलसिले में बनाई गई सूची में भारत उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता वाले देशों में शामिल है। 28 देशों के समूह वाले यूरोपीय यूनियन में ब्रिटेन 47 साल से है।
13 देशों के 18 शहरों की सूची में मुंबई भी शामिल है, जिस पर ब्रिटिश प्रशासन की नजर है। यह महानगर भारत में ब्रिटिश निवेश और व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र बन सकता है। डाउनिंग स्ट्रीट स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि एक फरवरी (शनिवार) से ग्रेट-रेडी टू ट्रेड अभियान छेड़ दिया जाएगा। इसमें 13 देशों के 18 शहरों पर फोकस होगा। ये देश ईयू से बाहर के होंगे। ये ब्रिटेन के भविष्य के बड़े सहयोगी देश होंगे। इन देशों से हर तरह के सहयोग के लिए बढ़ा जाएगा। मुंबई के अतिरिक्त इन शहरों में पर्थ, मेलबर्न और सिडनी (ऑस्ट्रेलिया), शंघाई और हांगकांग (चीन), टोक्यो (जापान), मेक्सिको सिटी (मेक्सिको), सिंगापुर (सिंगापुर), जोहानिसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका), सियोल (दक्षिण कोरिया), इस्तांबुल (तुर्की), दुबई (यूएई), न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस और शिकागो (अमेरिका) हैं।
ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्रालय ने कहा है कि ग्रेट ब्रांड पूरी दुनिया में सफल रहा है। इसके तहत ब्रिटेन अगले तीन साल में जो कुछ करेगा, वह उसने पहले कभी नहीं किया है। दिसंबर 2019 के अपने चुनावी प्रचार में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भारत के साथ ब्रिटेन के नए और बेहतर व्यापार समझौते की बात कह चुके हैं। इसे वह वास्तव में विशेष संबंधों की भी संज्ञा दे चुके हैं।
अमेरिका और ब्रिटेन के रिश्ते होंगे और मजबूत
ईयू से अलगाव से ठीक पहले लंदन पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कहा है कि ब्रेक्जिट से दोनों देशों को फायदा होगा और उनके बीच व्यापार बढ़ेगा। पोंपियो ने कहा कि अमेरिका अब ब्रिटेन की पहले से ज्यादा मदद कर पाएगा और उसे बढ़ाने में सहयोग करेगा। पोंपियो की प्रधानमंत्री जॉनसन के साथ भी बैठक हुई।