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Coronavirus vaccine news: : ब्रिटेन में फाइजर की वैक्सीन को मिली हरी झंडी, अगले सप्ताह से होगा टीकाकरण

ब्रिटेन ने जर्मनी की दवा कंपनी बायोएनटेक (BioNTech) और उसकी साझेदार अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर (Pfizer) की कोरोना वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) को मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक इसे अगले सप्ताह से देश भर में उपलब्ध कराया जाएगा।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 01:29 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 10:44 PM (IST)
Coronavirus vaccine news: : ब्रिटेन में फाइजर की वैक्सीन को मिली हरी झंडी, अगले सप्ताह से होगा टीकाकरण
ब्रिटेन ने Pfizer-BioNtech की कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है।

लंदन, प्रेट्र। कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए ब्रिटेन ने कमर कस ली है। अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक की संयुक्त रूप से विकसित कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को ब्रिटेन ने स्वीकृति दे दी है। यह कदम उठाने वाला वह दुनिया का पहला देश बन गया है। वहां पर अगले सप्ताह की शुरुआत से टीकाकरण का कार्य हो जाएगा। सबसे पहले उन लोगों को वैक्सीन दी जाएगी जिनकी मौत का सबसे ज्यादा खतरा है। ब्रिटिश नियामक मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेग्यूलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए स्वीकृति देते हुए कहा कि फाइजर की वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। परीक्षण में यह वैक्सीन बचाव में 95 प्रतिशत तक सफल पाई गई है।

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ब्रिटेन की सरकार ने कहा है कि मानदंडों से समझौता किए बगैर वैक्सीन के परीक्षण के नतीजों के कड़ाई से विश्लेषण के बाद वैक्सीन के सार्वजनिक इस्तेमाल की अनुमति दी गई है। इसके लिए ब्रिटेन में त्वरित परीक्षण की अलग प्रक्रिया भी पूरी की गई है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने वैक्सीन के इस्तेमाल की खबर का स्वागत किया है और कहा है कि देश में टीकाकरण का कार्य अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगा। जॉनसन ने कहा, वैक्सीन के इस्तेमाल से हम अपने लोगों की जान बचा पाएंगे और हमारी अर्थव्यवस्था फिर से गति पकड़ेगी। उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन यूरोप में कोविड से सर्वाधिक मौतों को झेलने वाला देश है। वहां करीब 60 हजार लोग काल के गाल में समा चुका हैं। ब्रिटेन टीकाकरण शुरू करने की घोषणा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। वैसे अमेरिका ने भी मध्य दिसंबर तक टीकाकरण शुरू करने की बात कही है। लेकिन इस बाबत कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

दो खुराक के सात दिन बाद पैदा होगी इम्युनिटी

कोविड महामारी से बचाव के लिए फाइजर की वैक्सीन की दो खुराक लेनी होंगी। ये खुराक 21 दिनों के अंतर पर लेनी होंगी। दूसरी खुराक लेने के सात दिन बाद शरीर में मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाएगी, जो वैक्सीन लेने वाले को महामारी से बचाएगी। एमएचआरए ने कहा है कि ब्रिटेन में टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के नतीजे जानने के लिए संस्था के विशेषज्ञ लगातार आंकड़ों का अध्ययन करेंगे। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने कहा है कि महामारी से जूझ रहे देश में बचाव के लिए सहायता शुरू हो गई। इस खबर से आह्लादित हूं। अब हम तेजी से लक्ष्यों को पूरा करेंगे। मुश्किल 2020 के बाद 2021 निश्चित रूप से उम्मीद से भरपूर और खुशहाल होगा।

बांह में लगेगा इंजेक्शन

ब्रिटिश सरकार ने एमएचआरए की सिफारिश को औपचारिक रूप से स्वीकार कर लिया है। यह फिलहाल सबसे ज्यादा खतरे वाले मरीजों की बांह में इंजेक्शन के रूप में लगाई जाएगी। वैक्सीन की एक करोड़ खुराक इस्तेमाल के लिए जल्द उपलब्ध हो जाएंगी। इनमें से आठ लाख चंद रोज में ब्रिटेन पहुंच जाएंगी। अनुमान के मुताबिक 2021 में ब्रिटेन वैक्सीन की चार करोड़ खुराक का आयात करेगा। यह मात्रा उसकी एक तिहाई आबादी के टीकाकरण के लिए पर्याप्त होगी। अगले सप्ताह से पूरे ब्रिटेन में वैक्सीन की उपलब्धता हो जाएगी। टीकाकरण की जिम्मेदारी नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) संभालेगी, जिसे बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाने का दशकों का अनुभव है।

सबसे बड़े अभियान के लिए प्राथमिकता सूची

टीकाकरण के लिए गठित संयुक्त कमेटी ने प्राथमिकता समूहों के बारे में अपनी सूचना सार्वजनिक कर दी है। इसमें स्वास्थ्य कर्मियों, बीमारों की देखभाल करने वालों, 80 साल से ज्यादा के लोगों और अन्य बुजुर्गो को खासतौर पर शामिल किया गया है। कमेटी के सदस्य प्रोफेसर वेई शेन लिम ने बताया है कि इस प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर मौत का खतरा झेल रहे मरीजों को रखा गया है। इसमें ऐसे 99 प्रतिशत गंभीर मरीजों को शामिल किया जाएगा। एनएचएस के मुख्य कार्यकारी साइमन स्टीवेंस ने कहा है कि यह हमारे देश के इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा। इसमें सैन्यकर्मियों की भी तैनाती की जाएगी।

एमआरएनए वैक्सीन का पहली बार इस्तेमाल

संयुक्त उपक्रम की यह वैक्सीन एमआरएनए वैक्सीन होगी। यह कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड से तैयार की गई वैक्सीन है। इसीलिए यह अपनी ताकत बढ़ाकर शरीर में पहुंचने वाले अन्य कोरोना वायरस से बचाव करेगी। इससे पहले एमआरएनए वैक्सीन का कभी भी मानव के लिए उपयोग नहीं हुआ। अभी तक केवल परीक्षण के तौर पर ही इसका मानव पर इस्तेमाल हुआ है जिसमें यह लाभदायक साबित हुई है। ब्रिटिश सरकार ने टीकाकरण का यह फैसला तीन स्तरों वाले लॉकडाउन के दौरान लिया है। महामारी से बचाव के लिए इस लॉकडाउन का फैसला ब्रिटिश संसद ने मंगलवार को किया है।

70 डिग्री तापमान में रखी जाएगी वैक्सीन

ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि वैक्सीन को केवल आधिकारिक संस्था के जरिये ही मंगवाया जाएगा और उसका वितरण होगा। इसके लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है। वैक्सीन को शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस नीचे वातावरण में रखा जाएगा। इसे ड्राई बर्फ के साथ पैक कर विशेष बक्सों में लाया और रखा जाएगा। डिलिवरी के बाद पांच दिनों तक इसे फ्रिज में रखा जा सकेगा, जहां पर यह दो से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच इस्तेमाल की जा सकेगी। सरकार ने कहा है कि वितरण व्यवस्था तैयार की जा चुकी है। इसके चलते टीकाकरण में देरी या कठिनाई पैदा नहीं होगी।


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