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ब्रिटेन में बनेगा अमृतसर का जुड़वां शहर, दिलीप सिंह की याद में थेटफोर्ड में पंजाबी महोत्सव

महाराजा दिलीप सिंह की 125वीं पुण्यतिथि के मौके पर इसी माह दो सप्ताह तक चलने वाले पंजाबी महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 07 Jul 2018 06:21 PM (IST)Updated: Sat, 07 Jul 2018 06:23 PM (IST)
ब्रिटेन में बनेगा अमृतसर का जुड़वां शहर, दिलीप सिंह की याद में थेटफोर्ड में पंजाबी महोत्सव
ब्रिटेन में बनेगा अमृतसर का जुड़वां शहर, दिलीप सिंह की याद में थेटफोर्ड में पंजाबी महोत्सव

लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन के ईस्ट एंगलिया इलाके में एक छोटा सा शहर है-थेटफोर्ड। नारफ्लॉक काउंटी में पड़ने वाले इस शहर को महाराजा दिलीप सिंह की याद में अमृतसर का जुड़वां शहर बनाया जाएगा। थेटफोर्ड महाराजा दिलीप सिंह का निवास स्थान था। उनकी 125वीं पुण्यतिथि के मौके पर इसी माह यहां दो सप्ताह तक चलने वाले पंजाबी महोत्सव का आयोजन भी किया जाएगा।

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महोत्सव के आयोजकों का मानना है कि उपजाऊ खेतों, कृषि गतिविधियों और पशुओं के चरागाहों के चलते वैसे भी पंजाब से इस शहर की बहुत ज्यादा समानता है। इतिहासकार और लेखिका सीमा आनंद कहती हैं कि थेटफोर्ड का एलवेडेन मैनर कई वर्षो तक पंजाब के आखिरी महाराजा का निवास रहा था। यहां के लोग अब भी उन्हें गर्व से याद करते हैं।

उनका कहना है कि शायद दिलीप सिंह का थेटफोर्ड आकर रहना महज एक संयोग नहीं था। इस शहर के मध्य में उनकी लगभग वैसी ही प्रतिमा लगी है, जैसी अमृतसर के कंपनी बाग में रंजीत सिंह की लगी हुई है। इसके अलावा यहां का परिदृश्य भी आश्चर्यजनक रूप से अमृतसर से मिलता-जुलता है।

इतिहासकार और दिलीप सिंह पर एक किताब लिखने वाले पीटर बैंस कहते हैं कि थेटफोर्ड से महाराजा की बहुत सारी यादें जुड़ी हैं। यहां उनके बच्चों का जन्म हुआ और यहीं पर वे असाधारण शूटिंग पार्टियां किया करते थे। यह ऐसी जगह थी, जहां पर उनको घर जैसा लगता था। पंजाब की राजनीति और ब्रिटेन सरकार की कठपुतलियों से दूर यहां वे शांति से रहते थे। दरअसल, थेटफोर्ड में उन्होंने सबसे अच्छे दिन गुजारे थे।

पंजाबी महोत्सव की निदेशक इंडी संधु ने बताया कि दिलीप सिंह की सांस्कृतिक विरासत का जितना महत्व पंजाब के लिए है, उतना ही थेटफोर्ड के लिए भी है। यह महोत्सव लोगों को उनके शानदार इतिहास के बारे में जानने का एक अवसर मुहैया कराएगा। इसके लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

सिख साम्राज्य के आखिरी शासक

महाराजा दिलीप सिंह महाराजा रंजीत सिंह के सबसे छोटे बेटे और सिख साम्राज्य के आखिरी शासक थे। उनका जन्म छह सितंबर, 1838 को हुआ था। सिर्फ पांच साल की उम्र में वे पंजाब के राजा बने थे, लेकिन, 1849 में अंग्रेजों ने उनको निर्वासित करके ब्रिटेन भेज दिया। 1893 में 55 साल की उम्र में पेरिस में उनका निधन हो गया। उनकी पत्नी और किशोर पुत्र की कब्र के बगल में ही थेटफोर्ड के चर्चयार्ड में ईसाई रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।


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