कई देशों में जंगल की आग की तरह फैल रहा है वायरस, इसको रोकने का कोई और उपाय नहीं- यूएन महासचिव
यूएन महासचिव ने कहा है कि वर्तमान समय में कई देशों में महामारी तेजी से फैल रही है। इसको रोकने के लिए हमारे पास केवल वैक्सीन ही एकमात्र विकल्प है। लिहाजा पूरी दुनिया को वैक्सीन देने में तेजी लानी होगी।
लंदन (संयुक्त राष्ट्र)। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा है कि कई देशों में कोरोना महामारी जंगल की आग की तरफ फैलती जा रही है। इसको रोकने के लिए वैक्सीन के अलावा कोई दूसरा उपाय नहीं है। इसलिए वैक्सीन को एक सार्वजनिक भलाई के तौर पर देखने की जरूरत है। ये बात उन्होंने जी-7 देशों की बैठक के बाद वर्चुअल तौर पर हुई एक प्रेस कांफ्रेंस में हिस्सा लेते हुए कही है। उन्होंने ये भी कहा है कि वैश्विक महामारी पुरी दुनिया के लिए असाधारण पीड़ा की वजह बनी हुई है। जी-7 की बैठक और इसके बाद हुई पत्रकार वार्ता में उन्होंने एक बार फिर से पूरी दुनिया में वैक्सीन वितरण को लेकर जारी असमानता पर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि महामारी में पूरी दुनिया को बचाने की जरूरत है। ऐसे में वैक्सीन का समान वितरण किए जाने की जरूरत है। उन्होंने सामूहिक रूप से वैक्सीनेशन पर भी जोर दिया है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पूरी दुनिया में ही वैक्सीन की खुराक को उपलब्ध कराना होगा, तभी दुनिया इस महामारी से पार पा सकेगी। गुटारेस ने कहा कि वैक्सीन को लेकर मामला केवल उसकी सप्लाई निष्पक्षता या न्याय तक ही सीमित नहीं है बल्कि उसकी दक्षता भी जरूरी है। उन्होंने जी-7 देशों की बैठक में कोरोना महामारी के दौरान गरीब देशों की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की, जहां पर अब तक कोरोना वैक्सीन की एक भी खुराक मुहैया नहीं करवाई जा सकी है।
यूएन महासचिव ने कहा कि एक तरफ वैक्सीन की कमी दूसरी तरफ इसका असमान वितरण और तीसरी तरफ खराब होती वैक्सीन चिंता का सबब बनी हुई हैं। वहीं चौथी चिंता कोरोना वायरस के लगातार बदलते प्रकारों को लेकर भी है। ऐसे में खतरनाक वायरस बचे रहते हैं जिनका संक्रमण का स्तर भी पहले के मुकाबले काफी तेज होता है। इनकी वजह से वैक्सीन के बेअसर होने का खतरा भी लगातार बना रहता है। उन्होंने इस बात पर कड़ी नाराजगी जताई है कि अब तक हुए वैक्सीनेशन प्रोग्राम काफी हद तक विषमतापूर्ण हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि जहां कुछ देश अपनी पूरी आबादी को वैक्सीन देने में तुले हैं वहीं कई देश अब भी इसकी खुराक को तरस रहे हैं।
हालांकि यूएन प्रमुख ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा विकासशील देशों में वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 50 अरब डॉलर की योजना को काफी अच्छा कदम बताया है। ये योजना अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैन्क, विश्व व्यापार संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा साझातौर पर पेश की गई है। साथ ही उन्होंने अमेरिका और ब्रिटेन की उन घोषणाओं का भी स्वागत किया है जिसमें उन्होंने 50 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराकों को दान में देने की बात की है। ये वैक्सीन उन देशों को भेजी जाएंगी जो इनको न तो खुद विकसित कर सकते हैं और न ही खरीद सकते हैं। उन्होंने इस बात की भी उम्मीद जताई है कि जी-7 पूरी दुनिया को एक अरब खुराक देने का संकल्प लेगा। गुटारेस ने ये भी कहा है कि कोरोना महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था को जबरदस्त क्षति हुई है। इसको खत्म करने के लिए वैश्विक टीकाकरण योजना को मूर्त रूप देना ही होगा।
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