नए तारे से पृथ्वी के मौसम पर सूर्य के प्रभाव का पता चलेगा
खगोलविदों को उम्मीद है कि इस तारे से सूर्य में होने वाले परिवर्तन और पृथ्वी के मौसमों पर सूर्य के प्रभाव का पता लग सकेगा।
लंदन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने सूर्य सरीखे एक तारे की खोज की है। यह तारा द्रव्यमान, उम्र और आकार में सूर्य के समान है लेकिन रासायनिक संरचना में भिन्न है। खगोलविदों को उम्मीद है कि इस तारे से सूर्य में होने वाले परिवर्तन और पृथ्वी के मौसमों पर सूर्य के प्रभाव का पता लग सकेगा।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह तारा रोसेटा पत्थर की तरह काम करेगा। जिस प्रकार इस पत्थर पर लिखी भाषा से कोई भी विदेशी भाषा सीखी जा सकती है वैसे ही यह तारा सूर्य से जुड़े कई रहस्यों पर से पर्दा उठाएगा। प्रत्येक 11 साल में सूर्य खई सतह पर बने निशान बदलते हैं जिन्हें सौर चक्र कहते हैं। सूर्य से निकलने वाले चुंबकीय क्षेत्र यानी सोलर डायनमो इस चक्र को चलाए रखने में मदद करते हैं। लेकिन वैज्ञानिक सोलर डायनमो के बारे में विस्तृत जानकारी से अनभिज्ञ हैं। डेनमार्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की इस ताजा खोज के बाद सोलर डायनमो के विषय में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं।
सिग्नस तारामंडल से 120 प्रकाश वर्ष दूर स्थित इस तारे में हीलियम और हाइड्रोजन से दोगुने भार वाले तत्व मौजूद हैं। वैज्ञानिकों ने केपलर अंतरिक्ष यान और 1978 से पृथ्वी पर स्थित वेधशालाओं से जुटाई गई जानकारियों को मिलाकर इस नए तारे के 7.4 वर्ष के चक्र का निर्माण किया। शोध में पाया गया कि सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र के मुकाबले नए तारे के चुंबकीय क्षेत्र का आयाम लगभग दोगुना है। इसकी मदद से वैज्ञानिक सूर्य और पृथ्वी से जुड़ी कई रोमांचक जानकारियां ढूंढ पाएंगे।
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