तीन जून को ब्रिटिश संसद में ब्रेक्जिट पर फिर पड़ेंगे वोट, चौथी बार बिल गिरा तो टेरीजा का जाना तय
यूरोपीय यूनियन ने ब्रिटेन को ब्रेक्जिट के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया है। यह समय भी दो बार बढ़ाया गया है।
लंदन, प्रेट्र/रायटर। ब्रेक्जिट (यूरोपीय यूनियन से अलगाव) से संबंधित शर्तो का विधेयक प्रधानमंत्री टेरीजा में तीन जून को एक बार फिर से ब्रिटिश संसद के समक्ष रखेंगी। चौथी बार भी अगर यह विधेयक संसद में गिर गया तो ब्रेक्जिट और प्रधानमंत्री टेरीजा की कुर्सी खतरे में पड़ सकती हैं। इससे पहले तीन बार सरकार का ब्रेक्जिट संबंधी प्रस्ताव संसद में गिर चुका है। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी के कुछ सांसद भी ब्रेक्जिट के लिए सरकार की कुछ शर्तो का विरोध कर रहे हैं।
सरकार ने सरकार में सहयोगी डीयूपी, विपक्षी लेबर पार्टी समेत सभी राजनीतिक दलों से संसद में आने वाले विधेयक की बाबत बात की है। सूत्रों के अनुसार सरकार ब्रेक्जिट की कुछ शर्तो में बदलाव पर राजी हो गई है।
सरकार को उम्मीद है कि इस बार हाउस ऑफ कॉमंस में वह अपना प्रस्ताव पारित कराने में सफल हो जाएगी। अगर ऐसा नहीं हो पाया तो टेरीजा सरकार का जाना भी तय माना जा रहा है। क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह समय ब्रिटिश सरकार के लिए सबसे भारी साबित हो रहा है।
पहली बार सरकार को बार-बार विरोधी दलों से समर्थन का अनुरोध करना पड़ रहा है, लेकिन उनका साथ नहीं मिल रहा। इधर यूरोपीय यूनियन के 27 देश उस पर जल्द अलगाव के लिए दबाव बनाए हुए हैं। वे चाहते हैं कि शर्ते तय हों और अलगाव हो, जिससे वे अपने अनुसार आगे की रूपरेखा बना सकें।
यूरोपीय यूनियन ने ब्रिटेन को ब्रेक्जिट के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया है। यह समय भी दो बार बढ़ाया गया है।
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