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रैपिड टेस्‍टिंग से कुछ हफ्तों में ही छू मंतर हो जाएगा कोविड संक्रमण, अध्‍ययन का दावा

COVID-19 Rapid Testing एक अध्‍ययन में दावा किया गया है कि रैपिड टेस्‍टिंग की प्रक्रिया अपनाने से तुरंत मिलने वाले रिजल्‍ट के कारण संक्रमितों को क्‍वारंटाइन कर संक्रमण को फैलने से रोकने में महज कुछ हफ्तों का ही समय लगेगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 03:19 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 03:19 PM (IST)
रैपिड टेस्‍टिंग से कुछ हफ्तों में ही छू मंतर हो जाएगा कोविड संक्रमण, अध्‍ययन का दावा
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने में कारगर सिद्ध होगी रैपिड टेस्‍टिंग

कैंब्रिज, एएनआइ। कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए टेस्‍टिंग और इसके रिजल्‍ट आने तक की लंबी प्रक्रिया अपनाने की बात को नकारते हुए एक नए अध्‍ययन में कहा गया है कि रैपिड टेस्‍टिंग की प्रक्रिया अपनाना कहीं अधिक फायदेमंद है। इस अध्‍ययन के अनुसार, रैपिड टेस्‍टिंग के तहत रिजल्‍ट कुछ ही घंटों में आ जाता है जिसके बाद संक्रमित की पहचान कर उसे क्‍वारंटाइन कर इसे फैलने से रोका जा सकता है। हावर्ड यूनिवर्सिटी (Harvard University) और कोलोराडो बाउल्‍डर (Colorado Boulder) यूनिवर्सिटी द्वारा प्रकाशित इस अध्‍ययन में दावा किया गया है कि रैपिड टेस्‍टिंग के जरिए कुछ सप्‍ताह के भीतर ही कोरोना वायरस संक्रमण को रोका जा सकता है। 

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इस अध्‍ययन के लिए प्रकाशित जर्नल के अनुसार, कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के क्रम में घर में ही क्‍वारंटाइन के नियमों को अपनाने के लिए टेस्‍टिंग की प्रक्रिया को तेज करना काफी आवश्‍यक है। इस अध्‍ययन के लेखक व कंप्‍यूटर साइंस के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डेनियल लार्रेमोर (Daniel Larremore) ने रिपोर्ट में कहा, 'हमारा निष्‍कर्ष यह है कि जब सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य की बात आती है तो बेहतर यह होगा कि कम सेंसिटिव टेस्‍ट के आज आने वाला रिजल्‍ट कहीं बेहतर है बजाए इसके कि अधिक सेंसिटिव टेस्‍ट कराएं जिसका परिणाम एक दिन बाद आए।'  

 लार्रेमोर ने आगे कहा, 'सभी को घरों में बंद रहने की सलाह देने की जगह इस टेस्‍टिंग के बाद केवल उस बीमार इंसान को घर में बंद रखा जाएगा जिससे संक्रमण फैलने का खतरा है।' साइंस डेली के रिपोर्टों के अनुसार, बायोफ्रंटियर इंस्‍टीट्यूट एंड हार्वर्ड टीएच चैन स्‍कूल ऑफ पब्‍लिक हेल्‍थ (Harvard T.H. Chan School of Public Health) के साथ मिलकर लार्रेमोर टेस्‍ट की संवेदनशीलता, इसकी फ्रीक्‍वेंसी या इसमें लगने वाले समय के बारे में अध्‍ययन किया गया। पूरे रिसर्च का विश्‍लेषण करते हुए लार्रेमोर ने कहा, 'टेस्‍टिंग को लेकर मंतव्‍य बदलने का समय है, कि आप बीमार है और इसे ही संक्रमण को खत्‍म करने और इकोनॉमी को खोलने का हथियार की तरह इस्‍तेमाल करना है।'  

इस रिसर्च के सह लेखक और हार्वर्ड में असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉक्‍टर माइकल मीना ने कहा कि संक्रमण  का पता करने में रैपिड टेस्‍ट कहीं अधिक कारगर है। इस रिसर्च के सीनियर वैज्ञानिकों के अनुसार, रैपिड टेस्‍टिंग से खाली पड़े स्‍टेडियम, कंसर्ट वेन्‍यू और एयरपोर्ट पर दोबारा से जान आ जाएगी। इनका कहना है कि अनेकों देशों ने अपने नागरिकों की रैपिड टेस्‍टिंग शुरू कर दी है जो प्रोत्‍साहित करती है। पिछले साल चीन से निकले कोरोना वायरस के कारण शनिवार तक दुनिया भर के कुल संक्रमितों का आंकड़ा 61,585,651 हो गया है और मृतकों की 1,441,875 हो गई है।


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