जीन टीएलआर7 के काम करना बंद करने से कोरोना का संक्रमण होता है और भी गंभीर
इस नए शोध से वैश्विक महामारी कोविड-19 को बेहतर तरीके से समझने और इसका इलाज करने में मदद मिलेगी।
लंदन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने इंसानों में एक ऐसे जीन टीएलआर7 की खोज कर ली है जो नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण में प्रतिरोधक क्षमता (Immune system) में अहम भूमिका निभाता है। संक्रमण के दौरान यह जीन अपना यह काम करना बंद कर देता है। इस नए शोध से वैश्विक महामारी कोविड-19 को बेहतर तरीके से समझने और इसका इलाज करने में मदद मिलेगी।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन जरनल में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि कोविड-19 से गंभीर रूप से पीड़ित दो परिवारों के चार युवा पुरुषों के आनुवांशिक क्रमों का गहन अध्ययन और विश्लेषण किया गया है। कोविड-19 के इन गंभीर मरीजों को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। नीदरलैंड रैडबड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिकों के अनुसार इन मरीजों में जीन टीएलआर7 का एक प्रकार पाया गया। इसके अलावा, प्रतिरोधक क्षमता के अणु टाइप-1 और 2 इंटरफेरोनस के निर्माण में कमी पाई गई। कोविड-19 से गंभीर रूप से पीड़ित इन मरीजों को बीमारी से पहले कभी भी सांस लेने में दिक्कत नहीं हुई थी और अब उन्हें इस तकलीफ के कारण आइसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया।
मानव कोशिकाओं की सतह पर पाए जाते हैं जीन टीएलआर7
इस शोध में इस तरह के जीन के क्रमांकों को बदलकर और अन्य परिजनों से बदलकर पाया गया कि इन चारों मरीजों के जीन टीएलआर7 ने एक जरूरी काम करना बंद कर दिया था। इन चारों में मरीजों में एक्स क्रोमोजोम के टीएलआर7 में टाइप-1 और 2आइएफएन प्रत्युत्तरों की कमी पाई गई। इसका मतलब है कि टीएलआर जीन से प्रोटीन को ग्रहण किया जा सकता है। यह मानव कोशिकाओं की सतह पर होते हैं। इनकी रोगाणुओं की पहचान करने में अहम भूमिका होती है। यह शरीर में सक्रिय बैक्टीरिया और वायरस की पहचान कर लेते हैं और प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय रखते हैं। टीएलआर7 तो इंटरफेरोनस को सक्रिय करते हैं जिनसे वायरस संक्रमण को पहचानने के लिए प्रोटीन को सक्रिय किया जाता है।
सह शोधकर्ता एलेक्जेंडर ह्यूशेन ने बताया कि इससे पहले कभी भी टीएलआर7 को जन्म के बाद प्रतिरोधक क्षमता में हुई गड़बड़ी से जोड़ा गया था। इसलिए कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए इसकी भूमिका बेहद अहम है। चूंकि टीएलआर7 का काम शरीर में किसी घुसपैठिए की पहचान करके उससे बचाव करना है, जो कि संक्रमण के बाद नहीं हो पाता है। इसी कारण इन भाइयों में पहले से कोई बीमारी नहीं होने के बावजूद इन्हें कोरोना का भीषण संक्रमण हुआ।