Move to Jagran APP

कोविड से मौत के खतरे को कम कर सकती है स्टैटिन, जानिए और क्या कहता है यह शोध

कोविड-19 पर स्टैटिन ट्रीटमेंट के प्रभाव को समझने के लिए स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने मार्च से नवंबर 2020 के बीच स्टाकहोम में रहने वाले 45 वर्ष से अधिक उम्र के 963876 लोगों पर एक अध्ययन किया।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 07:09 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 07:09 PM (IST)
कोविड से मौत के खतरे को कम कर सकती है स्टैटिन, जानिए और क्या कहता है यह शोध
पीएलओएस मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है यह अध्ययन

लंदन, आइएएनएस। सामान्य तौर पर कोलेस्ट्राल को कम करने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली स्टैटिन उपचार पद्धति कोविड-19 से मौत के खतरे को कम करने में मददगार साबित हो सकती है। स्टैटिन दवाओं का एक समूह है, जिनका सामान्य रूप से दिल की बीमारियों से बचाव तथा रक्त में लिपोप्रोटीन के स्तर को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

loksabha election banner

कोविड-19 पर स्टैटिन ट्रीटमेंट के प्रभाव को समझने के लिए स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने मार्च से नवंबर 2020 के बीच स्टाकहोम में रहने वाले 45 वर्ष से अधिक उम्र के 9,63,876 लोगों पर एक अध्ययन किया।

कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए उपयोगी नहीं है यह ट्रीटमेंट

पीएलओएस मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन निष्कर्ष में बताया गया है कि स्टैटिन ट्रीटमेंट की वजह से कोविड-19 से मौत का खतरा मामूली रूप से कम हो जाता है। हालांकि, यह ट्रीटमेंट कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए उपयोगी नहीं है।

कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट की मेडिकल छात्रा रीटा बर्गक्विस्ट ने कहा, 'हमारा शोध निष्कर्ष सलाह देता है कि स्टैटिन ट्रीटमेंट से कोविड-19 से मौत का खतरा मामूली रूप से कम हो जाता है।'

इस विषय पर अभी और अनुसंधान की है जरूरत

संस्थान के वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के शोध छात्र विक्टर अलक्विस्ट के अनुसार, 'हमारे निष्कर्ष कोविड-19 महामारी के दौरान वर्तमान सुझावों के अनुरूप दिल के मरीजों व रक्त में लिपिड को कम करने के लिए स्टैटिन का इस्तेमाल जारी रखने का समर्थन करते हैं।' हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना है कि इस विषय पर अभी और अनुसंधान की जरूरत है।

बता दें कि ब्रिटेन समेत विश्व के अनेक देशों में अभी भी कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा कोरोना के नए मामले रूस से आ रहे हैं। हालांकि, इस बीच ज्यादातर देशों में टीकाकरण कार्यक्रम भी तेजी से किए जा रहे हैं। 

यह भी पढ़ें: सोमालियाई मूल का है ब्रिटिश सांसद की हत्या करने वाला, पिता ने कहा- बेटे की करतूत को लेकर हैं अवाक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.