ब्रिटेन की जनगणना में सिखों को मिलेगा विशेष जातीय समूह का दर्जा
पिछले साल कुछ भारतवंशियों समेत करीब 100 सांसदों ने 2021 की जनगणना में सिख समुदाय को अलग जातीय समूह के तौर पर चिह्नित करने की मांग की थी।
लंदन [प्रेट्र]। ब्रिटेन में 2021 में होने वाली जनगणना में सिख समुदाय को सिर्फ एक धर्म के अलावा विशिष्ट जातीय समूह का भी दर्जा देने की तैयारी हो रही है। देश के सांख्यिकी विभाग का कहना है कि इस कदम से सिखों को देश में मौजूद सभी सार्वजनिक सुविधाओं का लाभ मिल पाएगा। पिछले साल कुछ भारतवंशियों समेत करीब 100 सांसदों ने 2021 की जनगणना में सिख समुदाय को अलग जातीय समूह के तौर पर चिह्नित करने की मांग की थी।
वर्ष 2011 की जनगणना में 83 हजार से ज्यादा सिखों ने भारतीय या आंग्ल-भारतीय जातीय समूह के तौर पर अपनी पहचान करने से इन्कार कर दिया था। उन सभी ने जनगणना के फॉर्म में मौजूद 'अन्य जातीय समूह' के बॉक्स में सिख लिखा था।
ब्रिटेन का राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय 2021 के जनगणना फॉर्म में हालांकि सिख को जातीय समूह के तौर पर शामिल करने पर विचार कर रहा है। लेकिन उसने अपने इस कदम की देश में रह रहे चार लाख 30 हजार सिखों के बीच स्वीकार्यता को लेकर चिंता भी जताई है। ब्रिटिश संसद में सिखों के सर्वदलीय संगठन ने इसके लिए उसे गुरुद्वारों की मदद लेने को कहा है। उल्लेखनीय है कि 2001 की जनगणना में इस समुदाय को अलग धर्म के रूप में मान्यता दी गई थी।