Move to Jagran APP

महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की आवाज को ज्यादा बेहतर समझते हैं स्मार्ट डिवाइस: सर्वे

सर्वे के मुताबिक स्मार्ट डिवाइस का उपयोग करने वाली 67 फीसदी महिलाओं का कहना है कि उनके डिवाइस कभी-कभी उनके निर्देशों को पालन ही नहीं करते।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 08:41 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 08:41 PM (IST)
महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की आवाज को ज्यादा बेहतर समझते हैं स्मार्ट डिवाइस: सर्वे
महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की आवाज को ज्यादा बेहतर समझते हैं स्मार्ट डिवाइस: सर्वे

लंदन, एजेंसी। इस आधुनिक दुनिया हर कोई टेक्नोलोजी का भरपूर फायदा उठा रहा है। ज्यादा पीछे नहीं जाते है, बात एक दशक पहले की ही करे तो लोग कीपैड फोन चलाया करते थे, फिरटच स्क्रीन आ गए और अब उनमें भी लोगों को मजा आना बंद हो गया तो सिर्फ बोल कर ही फोन से सारे काम करवाने लगे। अब हमारे फोन में स्मार्ट डिवाइस, जिसमें हम कुछ भी बोलते है तो वो पकड़ लेता है और उसपर काम करना शुरू कर देता है। एलेक्सा और गूगल के स्मार्ट स्पीकर, सिरी जैसे बहुत डिवाइस मौजूद है, जो लोगों की आवाज सुनकर काम करना स्टार्ट कर देते है। अब इसे लेकर एक सर्वे सामने आया है, जो काफी दिलचस्प है। इस सर्वे का मानना है कि एजेंसी स्मार्ट होम डिवाइस महिलाओं की तुलना में पुरुषों की आवाज को ज्यादा बेहतर तरीके से समझते हैं। यूके की इंटरनेट बेस्ड मार्केट रिसर्च कंपनी यूगोव के सर्वे में यह बात सामने आई।

loksabha election banner

सर्वे के मुताबिक स्मार्ट डिवाइस का उपयोग करने वाली 67 फीसदी महिलाओं का कहना है कि उनके डिवाइस कभी-कभी उनके निर्देशों को पालन ही नहीं करते। जबकि ऐसा कहने वाले में पुरषों की संख्या 54 फीसदी है। इसके अलावा एक बात और भी सामने आई कि पुरष अपने डिवाइस के साथ ज्यादा सख्ती बरतते हैं बावजूद इसके उन्हें कम समस्याओं से सामना करना पड़ता है।

सर्वे के मुताबिक लगभग 66 फीसदी पुरषों को कहना है कि उन्हें अपने स्मार्ट डिवाइस से कोई समस्या नहीं है। उनका कहना है कि उनके डिवाइस ने उनके निर्देशों को कभी नहीं नकारा। जबकि ऐसे कहना वालों में महिलाओं की संख्या सिर्फ 32 फीसदी थी। यह भी सामने आया कि महिलाएं स्मार्ट डिवाइस के साथ काफी अच्छा बर्ताव करती हैं।

इसके अलावा 45 फीसदी महिलाएं ऐसी है जो अपने डिवाइस को निर्देश देते समय 'प्लीज' और 'ओके' जैसे शब्दों से संबोधित करती है जबकि पुरषों के मामले में ये आंकडा सिर्फ 30 फीसदी ही है। टेस्टिंग को बताया वजह: आवाज पहचानने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल करने वाली कंपनी आर 7 स्पीच के सीईओ दिलिप राव का कहना है कि ऐसे सॉफ्टवेयर को बनाते समय पुरषों की आवाज से ज्यादा टेस्टिंग की जाती है, जिससे यह महिलाओं की आवाज को बेहतर तरीके से नहीं समझ पाता। ऐसे में डिवाइस महिलाओं की मधुर आवाज को पहचानने में धोखा खा जाते हैं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.