ब्रेक्जिट मसले पर ब्रिटिश संसद में सोमवार को फिर पेश हो सकता है प्रस्ताव
ब्रिटिश संसद के प्रावधान के अनुसार एक ही सत्र में कोई भी प्रस्ताव दोबारा पेश नहीं किया जा सकता लेकिन स्पीकर से अनुमति लेकर सरकार राष्ट्रहित में ऐसा कर सकती है।
लंदन, प्रेट्र। ब्रिटिश संसद के प्रावधान के अनुसार एक ही सत्र में कोई भी प्रस्ताव दोबारा पेश नहीं किया जा सकता, लेकिन स्पीकर से अनुमति लेकर सरकार राष्ट्रहित में ऐसा कर सकती है। इसलिए माना जा रहा है कि स्पीकर जॉन बरको सोमवार को प्रधानमंत्री जॉनसन को एक बार फिर ईयू से समझौते का प्रस्ताव संसद में पेश करने की अनुमति दे सकते हैं। कंजरवेटिव पार्टी के सदन में नेता जैकब रीस मॉग ने कहा, सरकार समझौते का प्रस्ताव सोमवार को फिर से सदन में बहस और मतदान के लिए रखने पर विचार कर रही है।
ब्रेक्जिट को 31 अक्टूबर से आगे बढ़ाने के लिए ईयू से बात नहीं होगी
जॉनसन ने कहा, वह ब्रेक्जिट को 31 अक्टूबर से आगे बढ़ाने के लिए यूरोपीय यूनियन से बात नहीं करेंगे। इसके लिए कानून उन्हें बाध्य नहीं करता। बहस में लेटविन संशोधन का समर्थन करते हुए कुछ सांसदों ने समझौता प्रस्ताव पर व्यापक चर्चा की जरूरत बताई, तो कुछ ने प्रस्ताव का मसौदा पढ़ने-समझने के लिए समय मांगा। जबकि मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने जॉनसन द्वारा पेश प्रस्ताव को पूर्व के टेरीजा मे सरकार के प्रस्तावों से ज्यादा घटिया करार दे दिया।
अल्पसंख्यक देशवासियों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा गया
इससे पहले सदन में प्रस्ताव रखते हुए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने यूरोपीय यूनियन (ईयू) के साथ ब्रिटेन के प्रस्तावित समझौते को महान समझौता बताया। कहा, हम तमाम विसंगतियों और विरोधाभासों को लांघकर आगे आए हैं। यह ब्रिटेन के बहुमत की इच्छा का सम्मान है, लेकिन इसमें अल्पसंख्यक देशवासियों के हितों का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
ब्रिटेन के अगले कदम का इंतजार: ईयू
यूरोपीय यूनियन ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि वह ब्रिटेन के अगले कदम का इंतजार कर रहा है, जो करना है-ब्रिटेन को करना है। वह जो सूचना देगा- हम उसके अनुसार कार्य करेंगे। फ्रांस ने कहा है कि ब्रेक्जिट का टलना किसी के भी हित में नहीं है। समझौते का प्रस्ताव काफी विचार के बाद तैयार हुआ है। अब यह ब्रिटेन की संसद की इच्छा है कि वह इसे स्वीकार करे या अस्वीकार करे।
ब्रेक्जिट मसले पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को झटका देते हुए शनिवार को ब्रिटिश संसद ने उस संशोधन प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जिसमें यूरोपीय यूनियन से अलगाव की प्रक्रिया को टालने की बात कही गई है। इस संशोधन में बिना शर्त ब्रेक्जिट को रोकने का भी बिंदु है। 650 सदस्यों वाले हाउस ऑफ कॉमंस में प्रस्ताव के समर्थन में 322 वोट पड़े जबकि विरोध में 306 वोट पड़े।
जॉनसन का एलान- ब्रेक्जिट को और नहीं टालेंगे
जॉनसन के लिए परेशानी की बात यह रही कि यह संशोधन प्रस्ताव उन्हीं की कंजरवेटिव पार्टी के सांसद ओलिवर लेटविन लाए थे। झटके से उबरते हुए प्रधानमंत्री जॉनसन ने एलान किया है कि वह ब्रेक्जिट को और नहीं टालेंगे, 31 अक्टूबर को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन अलग होगा।
हाउस ऑफ कॉमंस की ऐतिहासिक बैठक
ब्रेक्जिट के समझौता प्रस्ताव पर विचार के लिए शनिवार को हाउस ऑफ कॉमंस की ऐतिहासिक बैठक हुई। 37 साल बाद शनिवार को सांसद किसी प्रस्ताव पर विचार के लिए बैठे। पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार प्रस्ताव पर मतदान भी होना था, लेकिन लेटविन संशोधन पारित होने से यह टल गया।
प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव पर मांगा सभी दलों के सांसदों से समर्थन
प्रधानमंत्री ने ईयू के साथ समझौते के प्रस्ताव पर सभी दलों के सांसदों से समर्थन मांगा, लेकिन यह भी साफ कर दिया कि वह ब्रेक्जिट को टालने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने कहा, ब्रेक्जिट में हो रहे विलंब से देश को आर्थिक नुकसान हो रहा है, अनिश्चितता पैदा हो रही है और देश के बहुसंख्य लोगों का भरोसा टूट रहा है।
सोमवार को फिर पेश हो सकता है प्रस्ताव
ब्रिटिश संसद के प्रावधान के अनुसार एक ही सत्र में कोई भी प्रस्ताव दोबारा पेश नहीं किया जा सकता, लेकिन स्पीकर से अनुमति लेकर सरकार राष्ट्रहित में ऐसा कर सकती है। इसलिए माना जा रहा है कि स्पीकर जॉन बरको सोमवार को प्रधानमंत्री जॉनसन को एक बार फिर ईयू से समझौते का प्रस्ताव संसद में पेश करने की अनुमति दे सकते हैं। कंजरवेटिव पार्टी के सदन में नेता जैकब रीस मॉग ने कहा, सरकार समझौते का प्रस्ताव सोमवार को फिर से सदन में बहस और मतदान के लिए रखने पर विचार कर रही है।