Coronavirus Update: कोरोना की दूसरी लहर ने पुरुषों पर डाला ज्यादा प्रभाव, अध्ययन में किया गया दावा
कोरोना की दूसरी लहर का महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर ज्यादा मनोवैज्ञानिक प्रभाव देखने को मिला। डेनमार्क में हुए अध्ययन में इस बात का दावा किया गया। अध्ययन में कहा गया कि पहली लहर के दौरान लॉकडाउन के बाद पुरुषों और महिलाओं की मानसिक स्थिति काफी प्रभावित हुई।
लंदन, आइएएनएस। किसी भी हालात का मनोवैज्ञानिक प्रभाव महिला हो या पुरुष, दोनों पर ही समान रूप से पड़ता है, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर का महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर ज्यादा मनोवैज्ञानिक प्रभाव देखने को मिला। डेनमार्क में हुए एक अध्ययन में इस बात का दावा किया गया है। जर्नल एक्टा न्यूरोसाइकियाट्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान लॉकडाउन की घोषणा के बाद पुरुषों और महिलाओं की मानसिक स्थिति काफी प्रभावित हुई। इस दौरान महिलाएं ज्यादा प्रभावित हुईं, लेकिन दूसरी लहर के दौरान यह स्थिति बिल्कुल पलट गई। इस बार पुरुष ज्यादा प्रभावित हुए।
आरहस विश्वविद्यालय के शोधकर्ता सोरेन दिनेसेन ओस्टेगार्ड ने कहा कि अध्ययन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय पांच कल्याण सूचकांकों का इस्तेमाल स्क्रीनिंग टूल के तौर पर किया। इसे डब्ल्यूएचओ-5 के नाम से जाना जाता है। यह कुछ वैसे ही काम करता है जैसे कि डॉक्टर बीमारी का इलाज करते वक्त यह आकलन करता है कि आगे इलाज की जरूरत है या नहीं।
पांच कल्याण सूचकांकों का कुल स्कोर 100 होता है। इनमें से ज्यादा स्कोर पाने वालों के खुश रहने की उम्मीद है। यदि स्कोर 50 से नीचे है, तो अवसाद की संभावना बनी रहती है। शोधकर्ता ने बताया कि नवंबर-दिसंबर के सर्वेक्षण में डब्ल्यूएचओ-5 का स्कोर पुरुषों के लिए सिर्फ 4 अंक और महिलाओं के लिए 2.5 अंक कम हो गया था। वहीं, अप्रैल, 2020 में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान महिलाओं में इस सूचकांक में 1.5 अंक की बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन पुरुषों में यह कम होकर 2.5 अंक ही रह गया।