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10 लाख जीवाणुओं की मदद से बनाई मोनालिसा की प्रतिकृति

इटली के कलाकार लियोनार्डो द विंची की कृति का बनाया सूक्ष्म रूप, मोनालिसा दुनिया की सबसे कीमती, सबसे ज्यादा देखी जाने वाली और सबसे चर्चित पेंटिंग है...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 10:42 AM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 10:42 AM (IST)
10 लाख जीवाणुओं की मदद से बनाई मोनालिसा की प्रतिकृति
10 लाख जीवाणुओं की मदद से बनाई मोनालिसा की प्रतिकृति

लंदन [प्रेट्र]। वैज्ञानिकों ने करीब 10 लाख जीवाणुओं का प्रयोग करके इटली के कलाकार लियोनार्डो द विंची की ऐतिहासिक पेंटिंग मोनालिसा की छोटी प्रतिकृति तैयार की है। ये सभी जीवाणु प्रकाश पर प्रतिक्रिया देने में सक्षम थे। वैज्ञानिकों ने प्रकाश की मदद से जीवाणुओं की गति को नियंत्रित करके यह कारनामा कर दिखाया।

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शोधकर्ताओं का कहना है कि इन जीवाणुओं को नियंत्रित करने से ये एक बहुत छोटी सी ईंट की तरह कार्य करने लगे जिनकी मदद से भविष्य में माइक्रास्कोपिक डिवाइस का निर्माण संभव है। उदाहरण के लिए इन्हें मशीन के पाट्र्स और दवा ले जाने वाले टूल के आसपास भी प्रयोग किया जा सकता है। इसके बाद इनकी गति का प्रयोग उस टूल को लाने ले जाने में भी किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि ई कोली नामक जीवाणु (बैक्टीरिया) को बेहतरीन तैराक माना जाता है। वे अपने आकार से 10 गुना अधिक दूरी को एक सेकंड में तय कर सकते हैं। उनके अंदर मोटर से चलने वाले प्रोपेलर होते हैं और इन मोटर को ऑक्सीजन की मदद से रीचार्ज किया जाता है।

हाल ही में वैज्ञानिकों ने समुद्र से मिलने वाले जीवाणु में प्रोटीन की खोज की है जो इन प्रोपेलर को प्रकाश की मदद से चलाने का कार्य करता है। अन्य बैक्टीरिया में भी इसी प्रकार का गुण उत्पन्न करने के लिए वैज्ञानिकों ने हर बैक्टीरिया पर सोलन पैनल का प्रयोग किया। इटली की रोम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक गियेकोमो फ्रांजिपाने का कहना है कि जिस प्रकार मनुष्य भीड़ में धीरे-धीरे चलता है उसकी प्रकार तैरने वाले बैक्टीरिया भी धीमे क्षेत्रों में अधिक समय लगाते हैं। इस गुण का प्रयोग बैक्टीरिया को कोई भी आकार देने में किया जा सकता है।

ऐसे बनाई पेंटिंग

शोधकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने मोनालिसा की पेंटिंग के नेगेटिव पर जीवाणुओं को प्रकाश की मदद से चलाया। उन्होंने देखा कि अंधेरे वाले क्षेत्र में बैक्टीरिया एकत्र हो रहे थे जबकि प्रकाश वाले क्षेत्र में दूर जा रहे थे। करीब चार मिनट तक इस प्रक्रिया के बाद वैज्ञानिकों ने मोनालिसा की प्रतिकृति तैयार करने में सफलता हासिल की।

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रयोग के बाद इन प्रकाश से चलने वाले बैक्टीरिया का प्रयोग ठोस बायोमैकेनिकल स्ट्रक्चर बनाने में किया जा सकता है। अपने प्रयोग में वैज्ञानिकों ने एक प्रोजेक्टर का प्रयोग किया। इसमें माइक्रास्कोपिक लेंस की मदद से तेज प्रकाश को उत्पन्न करके ये जानने की कोशिश की कि किस प्रकार ई-कोली जीवाणु विभिन्न प्रकार की रोशनी से गुजरने के दौरान किस प्रकार अपनी गति को बदलता है। वैज्ञानिकों ने करीब पांच मिनट तक जीवाणु कोशिकाओं की एक पर्त पर समान रूप से प्रकाश गिराया। चार मिनट बाद वैज्ञानिकों को अपेक्षित परिणाम प्राप्त हुए।

मोनालिसा पेंटिंग की खासियत

इटली के महान कलाकार लियोनार्डो द विंची द्वारा बनाई गई पेंटिंग है। इसे दुनिया की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली, सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और सबसे चर्चित पेंटिंग माना जाता है। यह दुनिया की सबसे कीमती पेंटिंग है और अब तक कोई भी ऐसी पेंटिंग नहीं बना सका है। 


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