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वयस्कों की अपेक्षा बच्चे मशीनों के प्रति अधिक संवेदनशील

एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि वयस्कों की अपेक्षा बच्चे मशीनों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 11:22 AM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 11:23 AM (IST)
वयस्कों की अपेक्षा बच्चे मशीनों के प्रति अधिक संवेदनशील
वयस्कों की अपेक्षा बच्चे मशीनों के प्रति अधिक संवेदनशील

लंदन [प्रेट्र]। रोबोट बच्चों के विचार और उनके निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि वयस्कों की अपेक्षा बच्चे मशीनों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाइमाउथ के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में इस बात का परीक्षण किया कि मनुष्यों और बच्चों को उनके साथियों और रोबोट के साथ एक सा टास्क देने पर वे किस प्रकार प्रत्युत्तर देते हैं। इसमें सामने आया कि वयस्कों के निर्णयों पर सबसे ज्यादा प्रभाव उनके साथियों का पड़ता है और अधिकतर समय वे रोबोट से पड़ने वाले प्रभाव को नकारते हैं।

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इसके विपरीत सात से नौ साल के बच्चे रोबोट के अनुसार ही प्रतिक्रिया देते हैं। भले ही रोबोट का निर्णय गलत ही क्यों न हो। इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने 1950 में विकसित की गई एक तकनीक का प्रयोग किया। इसमें लोगों को स्क्रीन पर एक पैटर्न दिखाकर प्रश्न पूछे जाते हैं। जब लोगों से अकेले में सवाल किए जाते हैं तो वे कोई गलती नहीं करते। जब वे किसी के साथ हों तो गलतियों की संभावना बढ़ जाती है।

बच्चे जब इस परीक्षण के दौरान अकेले हों तो उनकी सफलता का प्रतिशत 87 रहता है। यदि वे रोबोट के साथ हों तो यह 75 प्रतिशत रह जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि वह दिन दूर नहीं जब शिक्षा और मेडिकल में रोबोट का ही प्रयोग किया जाएगा। ऐसे में इस बात की निगरानी की आवश्यकता है कि जिससे बच्चों पर होने पर सोशल रोबोट के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सके।  


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