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जानें किस तरह लंदन के दो आम स्कूली लड़के बन गए दुनिया के सबसे वांटेड 'जिहादी'

कहा जा रहा है कि वे वहां से लंदन जा रहे थे जहां वे एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने वाले थे।

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 10 Feb 2018 02:38 PM (IST)Updated: Sun, 11 Feb 2018 06:44 AM (IST)
जानें किस तरह लंदन के दो आम स्कूली लड़के बन गए दुनिया के सबसे वांटेड 'जिहादी'
जानें किस तरह लंदन के दो आम स्कूली लड़के बन गए दुनिया के सबसे वांटेड 'जिहादी'

लंदन (एजेंसी)। दुनिया भर में आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात जिहादी एलेक्जेंडा कोटे और अल शाफी अलशेख को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। इन खतरनाक जिहाादियों की आतंकी गाथा जितनी भयावह है इनका बचपन और युवावस्था उतना ही सामान्य है। 1990 के दशक में पश्चिमी लंदन में पले-बढ़े अलेक्जेंडा कोटे और अल शाफी अलशेख को बचपन में गाने का बड़ा शौक था साथ ही वे दोनों फुटबॉल खेलने का भी शौक रखते थे। लेकिन एक दशक के बाद उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया। वे फुटबॉल के कारण नहीं बल्कि अपने कुख्यात कारनामों को अंजाम देने के लिए पूरी दुनिया की हिटलिस्ट में आ गए। पिछले महीने के अंत में ही इन खतरनाक आतंकियों को सीरिया-तुर्की सीमा से बाहर भागने के क्रम में सीआइए ने गिरफ्तार कर लिया गया।

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कोटे और अलशेख की जिहादी यात्रा की शुरुआत

पिछली रात ही इनके परिवार को पता चला कि उनके बच्चे आम युवक से अचानक से ऐसे अपराधी कैसे बन गए कि उन्हें मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। अलशेख के पिता राशिद सूडान में चल रहे गृह युद्ध से बचकर भाग कर अपने परिवार के साथ ब्रिटेन आ गए। उन्होंने कहा, ये हमारे लिए बोलने के लिए सही समय नहीं है। ये एक मां है जिसने अपने दो बेटों को खोया। उसका बेटा आज उनके हाथों में है जिन्हें हम जानते भी नही हैं। हमें नहीं पता कि वे उनके साथ क्या करेंगे। कोटे और अलशेख ने 'इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवेंट' के प्रभाव में आकर दुश्मनों के सिर काटने और लोगों का शोषण करना शुरु कर दिया था।

चार लोगों ने मिलकर बनाया 'द बीटल्स' ग्रुप

पश्चिमी लंदन के मोहम्मद एमवाजी और एनी डेविस के साथ मिलकर चारों ने 'द बीटल्स' के नाम से ग्रुप बनाया।  ये सभी 23 लोगों की हत्या के जिम्मेदार हैं जिसमें मरनेवालों में ब्रिटेन, अमेरिका और जापान के लोग और यहां तक कि सीरियाई सेना के सदस्य भी शामिल हैं।  बताया जाता है कि द बीटल्स का एक सदस्य एमवाजी पिछले साल अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया और डेविस वर्तमान में तुर्की के जेल में बंद है। इसके बाद ब्रिटेन और अमेरिकी सेना ने मिलकर कोटे और अलशेख की गिरफ्तारी के लिए इनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी इकट्ठी करनी शुरु कर दी।

कोटे की जिहादी यात्रा 2009 में शुरु

कोटे की जिहादी यात्रा लंदन के नॉटिंग हिल से 2009 में शुरु हुई। वह यहां से गाजा पट्टी चला गया इस यात्रा में उसके साथ तीन और जिहादी लड़के शामिल हो गए। एक ने पुलिस को बताया कि कोटे ने इस दौरान ठान लिया कि वह लंदन कभी नहीं लौटेगा, यहां से चरमपंथियों में शामिल होने क लिए वह सीरिया जाने वाला था। कोटे बचपन में आम बच्चों की तरह ही शरारत करता था। उसका परिवार ड्रेस कटिंग इंडस्ट्री में काम करता था। कोटे के साथ परिवार में उसका भाई पैब्लो भी रहता था। इन्हें सभी काफी पसंद करते थे।

सीरिया में प्राप्त किया जिहादी प्रशिक्षण

20 की उम्र में कोटे मुस्लिम में कंवर्ट होकर अबू सालिब बन गया और मुस्लिम प्रेमिका से शादी रचा ली, आज उनके दो बच्चे हैं। लेकिन 2009 में कोटे ने अपनी पत्नी और दोनों बच्चों को लंदन में छोड़ दिया और गाजा को जाने वाले काफिले में शामिल हो गए। कहा जाता है कि इसके बाद वह सारिया, इराक चला गया जहां उसने जिहादियों का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद वह चरमपंथी बनने की ओर इतनी तेजी से बढ़ा उसे बीटल्स का सबसे खतरनाक सदस्य के रूप में जाना जाने लगा। 

अलशेख के जिंदगी में 2009 के बाद आए बदलाव

अलशेख ने भी मुस्लिम में कंवर्ट होकर पश्चिमी लंदन में अपनी गतिविधि जारी रखी। जानकारी के मुताबिक, स्कूल छोड़ने के बाद अलशेख ने एक मैकेनिक के तौर पर नौकरी कर ली। लेकिन 2009 के बाद से उसके लाइफ में बदलाव आने शुरु हो गए। जब उसके बड़े भीाई खालिद को किसी गैंग मर्डर में शामिल होने के जुर्म में 10 साल के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। इसी दौरान अलशेख के माता-पिता अलग हो गए।

पत्नी ने इंटरनेट पर देखा जिहादी वीडियो 

इसी समय अलशेख ने 21 साल की उम्र में एक कनैडियन महिला से शादी कर ली। लेकिन उसने शेख के साथ लंदन आने से मना कर दिया। शेख की मां ने एक साक्षात्कार में बताया कि उसकी पत्नी ने उसे इंटरनेट पर एक वीडियो में जिहादियों के भाषण सुनते हुए देखा था। बाद में पता चला कि तेजी से कट्टरपंथी बनने की तरफ कदम बढ़ा रहा था। उसका अपने छोटे भाई महमूद पर भी बुरा असर पड़ने लगा। 2015 में महमूद इराक गया जहां  लड़ाकू विमान के एक हमले में उसकी मौत हो गई।

अब कोटे और अलशेख दोनों को पिछले महीने सीरिया-तुर्की सीमा पर से भागने के क्रम में गिरफ्तार कर लिया गया। कहा जा रहा है कि वे वहां से लंदन जा रहे थे जहां वे एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने वाले थे।


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