ब्रिटेन में कट्टरपंथी मौलवी पढ़ेगा आतंकवाद विरोधी पाठ
अगर मौलवी इन पाठ्यक्रमों में उपस्थित रहने में विफल रहते हैं तो उन्हें फिर से जेल भेज दिया जाएगा।
लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन में बढ़ते कट्टरपंथ की भावना को कमजोर करने के लिए वहां की सरकार ने नायाब पहल की है। इसके तहत हाल ही में ब्रिटेन की जेल से रिहा हुए कट्टरपंथी मौलवी को अनिवार्य तौर पर आतंकवाद विरोधी पाठ्यक्रम में हिस्सा लेने का आदेश दिया गया है। पाकिस्तानी मूल के अजीम चौधरी (51) नाम के इस मौलवी को अच्छे चाल-चलन के चलते इस महीने की शुरुआत में दक्षिणी लंदन की अति सुरक्षित बेलमार्स जेल से शर्तो के साथ रिहा किया गया था।
उस मौलवी को आतंकी समूह आइएस को समर्थन देने के आरोप में साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई थी।समाचार पत्र 'द टाइम्स' के मुताबिक ब्रिटिश सरकार ने चौधरी को आदेश दिया है कि उसे प्रारंभिक तौर पर सरकार द्वारा चलाए जा रहे 'निर्वासन और मुक्ति कार्यक्रम (डीपीपी)' में हिस्सा लेना होगा। जबकि अनिवार्य पाठ्यक्रम में उसे धार्मिक सलाह आदि दी जाएगी।
अगर चौधरी इन पाठ्यक्रमों में उपस्थित रहने में विफल रहते हैं तो उन्हें फिर से जेल भेज दिया जाएगा। दरअसल, ब्रिटिश सरकार ने पिछले साल इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसमें कट्टरपंथियों को मनोवैज्ञानिक, धार्मिक और वैचारिक सलाह दी जाती है।