जलवायु परिवर्तन की मांगो को लेकर लंदन में विरोध प्रदर्शन, 300 लोग किए गए गिरफ्तार
जलवायु परिवर्तन की मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी पिछले एक साल से सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार जलवायु परिवर्तन को लेकर लोगों को सच बताए।
लंदन पीटीआइ। लंदन में जलवायु परिवर्तन को लेकर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। विरोध प्रदर्शन कर रहे 300 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ लंदन की सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को आंदोलन का रुप लेते हुए पुल और सड़क को पूरी तरह से बंद कर दिया।
प्रदर्शनकारियों का यह आंदोलन यूरोप के अन्य हिस्सों में भी देखा गया है। जलवायु परिवर्तन के विरोध में शुरु हुआ आंदोलन पिछले साल ब्रिटेन में शिक्षाविदों द्वारा शुरु किया गया था। धीरे-धीरे यह आंदोलन दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते पर्यावरण आंदोलनों में से एक बन गया है।
लंदन पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि जलवायु परिवर्तन की मांगों को लेकर सड़कों में विरोध कर रहे करीब 300 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। लंदन पुलिस ने उम्मीद जताई है कि आने वाले हफ्तों में भी जलवायु परिवर्तन की मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रहेंगे। पुलिस के आंकड़ो के अनुसार गिरफ्तार हुए लोगों में तीन पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं, जिन्हें आपराधिक गतिविधि के संदेह पर ब्रिटेन की ऊर्जा कंपनी रॉयल डच शेल के ऑफिस से गिरफ्तार किया गया है। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रॉयल डच शेल सेंटर की इमारत की खिड़की को भी तोड़ दिया था।
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन कर रहे अधिकतर लोगों ने आदेश कानूनों का उलंघन और सड़कमार्ग को बाधित करने के चलते इन्हें गिरफ्तार किया गया है। जलवायु परिवर्तन की मांगो को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने खुद को दरवाजे, बेंच और अन्य सामानो से चिपका लिया था। प्रदर्शन कर रहे हजारों लोग अपने साथ पेड़, पौधे और सोलर पैनल लाये थे और इस दौरान उन्होंने वॉटरलू के ब्रिज को जाम कर दिया था।
गौरतलब है कि ब्रिटेन में जलवायु परिवर्तन की मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी पिछले एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहें हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार जलवायु परिवर्तन की मांगों को लेकर देश की जनता को सच बताए। इसके साथ ही ब्रिटेन की सरकार 2025 तक कार्बन उत्सर्जन को घटाकर जीरो करें। सोमवार को एक बार फिर सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि जलवायु परिवर्तन और इकोलॉजिकल इमरजेंसी के लिए सरकार कोई निर्णायक कार्रवाई करें।