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Covid 19 Vaccine : ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोराना वैक्‍सीन के पहले चरण के मानव ट्रायल में मिली सफलता

ऑक्सफोर्ड यूनि‍वसिर्टी ने एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर तैयार कोरोना वैक्सीन के इंसानों पर पहले ट्रायल में सफलता पाई है। इसका डेटा जल्द ही प्रकाशित होगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 07:35 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 11:52 PM (IST)
Covid 19 Vaccine : ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोराना वैक्‍सीन के पहले चरण के मानव ट्रायल में मिली सफलता
Covid 19 Vaccine : ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोराना वैक्‍सीन के पहले चरण के मानव ट्रायल में मिली सफलता

लंदन, एजेंसियां। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वायरस वैक्सीन को इंसानों पर पहले परीक्षण में सफल पाया गया है। यह वैक्सीन सुरक्षित होने के साथ ही साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाती है। इसे जिन लोगों को दिया गया था, उनके शरीर में वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी के साथ-साथ व्हाइ ब्लड सेल्स भी पाए गए जो ज्यादा समय तक के लिए शरीर को प्रतिरोधक क्षमता देते हैं। व्हाइट ब्लड सेल्स को किलर टी-सेल्स भी कहा जाता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के इस शोध अध्ययन का प्रकाशन सोमवार को 'द लैंसेट' पत्रिका में हुआ।

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कोरोना वायरस से 'दोहरी सुरक्षा' देती है यह वैक्‍सीन

इस वैक्सीन के पहले चरण का परीक्षण अप्रैल में शुरू हुआ था। 18 से 55 साल आयु वर्ग के 1,077 स्वस्थ लोगों को अप्रैल से मई के बीच में इसकी खुराक लगाई गई थी। विज्ञानियों ने यह पाया कि यह वैक्सीन घातक कोरोना वायरस से 'दोहरी सुरक्षा' देती है। आमतौर पर वैक्सीन दिए जाने पर इंसान के शरीर में एंटीबॉडी बनने को सफलता माना जाता है। लेकिन अध्ययन में पाया गया कि इस वैक्सीन ने शरीर में एंटीबॉडी के साथ ही साथ संक्रमण से लड़ने वाले वाइट ब्लड सेल भी विकसित किए। ये दोनों साथ मिलकर शरीर को सुरक्षा देते हैं। पहले के अध्ययनों में यह पाया गया है कि एंटीबॉडी कुछ महीनों में खत्म भी हो सकती हैं लेकिन टी-सेल्स सालों तक शरीर में रहते हैं। विज्ञानी इन नतीजों से उत्साहित तो हैं लेकिन उनका कहना है कि अभी इस पर बहुत काम किया जाना है। अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस को रोकने में कितनी सक्षम है।

शरीर में एंटीबॉडी के साथ ही कोरोना से लड़ने वाले व्हाइट ब्लड सेल्स भी विकसित किए

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के जेनर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एडरियान हिल ने कहा, 'लगभग सभी लोगों में अच्छी प्रतिरोधक क्षमता देखने को मिल रही है।' उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन ने संक्रमण को रोकने वाले एंटीबॉडी के साथ ही कोरोना वायरस से लड़ने वाले टी-सेल भी विकसित किए। हिल ने कहा कि वैक्सीन कितनी कारगर है, इसका आकलन करने के लिए ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में 10 हजार लोगों पर परीक्षण चल रहा है। अमेरिका में करीब 30 हजार लोगों पर जल्द ही एक और व्यापक परीक्षण शुरू होने वाला है। हिल ने कहा कि इस साल के अंत तक यह तय करने के लिए पर्याप्त डाटा मिल जाएगा कि इसका बड़े पैमाने पर टीकाकरण में इस्तेमाल किया जाना चाहिए या नहीं।

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों के शरीर में जिस स्तर पर एंटीबॉडी पैदा होती है, इस वैक्सीन से भी उसी स्तर की एंटीबॉडी पाई गई है। उम्मीद है कि टी-सेल से अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी। हिल ने कहा कि इस बात के ज्यादा प्रमाण मिल रहे हैं कि टी-सेल के साथ ही एंटीबॉडी कोरोना वायरस को नियंत्रण करने में अहम हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी खुराक के बाद शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत भी हो सकती है। यह वैक्सीन (एजेडडी1222) ऑक्सफोर्ड यूनिवíसटी के जेनर इंस्टीट्यूट में सरकार और एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर बनाई जा रही है। एस्ट्राजेनेका इसका उत्पादन करेगी।

ब्रिटेन ने पूर्व में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए जा रहे टीके की 10 करोड़ खुराक हासिल करने के लिए एस्ट्राजेनेका से समझौता किया है। सरकार ने इस दवा की खोज में मदद के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ इंपेरियल कॉलेज लंदन को करोड़ रुपये की मदद भी दी है। इनकी वैक्सीन का जून में ही इंसानों पर परीक्षण शुरू हुआ था। पहले चरण में नतीजे कारगर मिले हैं। हालांकि, अभी तीसरे चरण के परीक्षण के परिणाम की घोषणा नहीं की गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। 

ब्रिटेन ने किया कोरोना वैक्सीन की नौ करोड़ खुराक खरीदने के लिए करार

उधर, ब्रिटेन ने कोरोना की संभावित वैक्सीन की नौ करोड़ खुराक खरीदने के लिए तीन कंपनियों के साथ करार दिया है। ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री आलोक शर्मा ने सोमवार को इसकी घोषणा की। कैबिनेट मंत्री शर्मा ने कहा कि सरकार ने बायोएनटेक, फाइजर और वलनेवा नामक कंपनियों द्वारा कोरोना वायरस के इलाज के लिए परीक्षण के दौर से गुजर रही वैक्सीन की नौ करोड़ खुराक खरीदने के संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 


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