ब्रिटिश सेना की गोरखा रेजिमेंट में अब महिलाएं भी
इस दौरान सफल अभ्यर्थियों को 10 हफ्ते की ट्रेनिंग के लिए उत्तरी यार्कशायर के कैटरिक ले जाया जाएगा।
लंदन [प्रेट्र]। ब्रिटिश सेना की गोरखा ब्रिगेड में वर्ष 2020 से नेपाली महिलाएं भी शामिल हो सकेंगी। इनकी भर्ती की प्रक्रिया मध्य नेपाल के पोखरा में अगले साल से शुरू होगी। यहां पर सींक की डलिया में 25 किलो मिट्टी भरकर पांच किमी की चढ़ाई पूरी करने वाले कई अभ्यास कराए जाएंगे। इस दौरान सफल अभ्यर्थियों को 10 हफ्ते की ट्रेनिंग के लिए उत्तरी यार्कशायर के कैटरिक ले जाया जाएगा।
ब्रिटेन के रक्षामंत्री गेविन विलियमसन ने कहा कि दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकों में गोरखा सैनिकों की गिनती होती है। महारानी की रक्षा में लगे इन सैनिकों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। नेपाली महिलाओं को पूरा अधिकार है कि वह इस रेजिमेंट में शामिल होकर अपने कौशल का प्रदर्शन करें।
लेफ्टिनेंट जनरल और डिप्टी चीफ ऑफ जनरल स्टाफ व गोरखा ब्रिगेड के कर्नल कमांडेंट निक पोप ने कहा कि गोरखा रेजिमेंट में नेपाली महिलाओं की नियुक्ति वर्ष 2016 में ब्रिटिश सरकार द्वारा 'सभी लड़ाकू मोर्चे पर महिलाओं की तैनाती' संबंधी निर्णय का ही एक अंग है।
1815 में शुरू हुई थी ब्रिटिश सेना में गोरखाओं की भर्ती
ब्रिटेन ने 1815 में एंग्लो-नेपाल युद्ध के दौरान सेना में गोरखाओं की भर्ती शुरू की थी। 1947 में स्वतंत्रता के बाद नेपाल, भारत और ब्रिटेन के बीच हुए एक समझौते के तहत भारतीय सेना की चार गोरखा रेजिमेंट को ब्रिटिश सेना में स्थानांतरित कर दिया गया था। वर्तमान में ब्रिटिश सेना में लगभग 3000 गोरखा सैनिक हैं। इस रेजिमेंट का सूत्र वाक्य है, 'कायरता से बेहतर है मर जाना' है। यह अभी भी अपने पास परंपरागत 46 सेमी लंबा चाकू रखते हैं, जिसे खुखरी कहा जाता है।
गौरतलब है कि प्रिंस हैरी ने वर्ष 2007-2008 में अफगानिस्तान में रॉयल गोरखा राइफल्स की पहली बटालियन के साथ ही काम किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर आप गोरखाओं के साथ हैं तो इससे सुरक्षित जगह कोई नहीं है। वर्ष 2009 में ब्रिटिश अभिनेता जोआन लुम्ले द्वारा चलाए गए अभियान के बाद पुराने गोरखा योद्धाओं को ब्रिटेन की नागरिकता दी गई थी।