ब्रेक्जिट मामले में विकल्प भी हुए फेल, नहीं मिला बहुमत, PM टेरीजा की चुनौती जस की तस
ब्रेक्जिट को लेकर यह संसदीय प्रक्रिया इसलिए अहम है क्योंकि ब्रिटिश संसद में ब्रेक्जिट प्रस्ताव दो बार खारिज हो चुका है। ऐसे में ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे यूरोपीय संघ से तल
लंदन, एजेंसी। ब्रिटेन में सांसदों ने ब्रेक्जिट के आठ अलग-अलग विकल्पों पर मतदान किया, लेकिन सदन में किसी भी विकल्प को बहुमत हासिल नहीं हो सका। ब्रेक्जिट को लेकर यह संसदीय प्रक्रिया इसलिए अहम है, क्योंकि ब्रिटिश संसद में ब्रेक्जिट प्रस्ताव दो बार खारिज हो चुका है। ऐसे में ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे यूरोपीय संघ से तलाक के लिए विकल्प खोजने में जुटी हैं।
बता दें कि गत बुधवार को ब्रिटेन के सांसदों को ब्रेक्जिट के विभिन्न विकल्पों के लिए अपनी प्राथमिकता जाहिर करने का अधिकार मिल गया है। इसके तहत सांसदों को अब विभिन्न विकल्पों पर मतदान करने का मौका मिलेगा, जैसे अनुच्छेद 50 को हटाना और ब्रेक्जिट को रद करना या इस करार पर जनमत संग्रह कराना या बिना समझौते के ही यूरोपीय संघ से अलग हो जाना आदि-आदि।
यूरापीय यूनियन से अलगाव (ब्रक्जिट) के मुद्दे पर लगातार असफलता का सामना कर रहीं टेरीजा मे की कुर्सी खतरे में पड़ गई है। विपक्षी और प्रधानमंत्री की पार्टी सांसदों के असंतोष के बाद अब उनकी कैबिनेट के सदस्य भी ब्रेक्जिट से निपटने पर उनके तरीके पर सवाल उठाने लगे हैं। इसके चलते टेरीजा पर भारी दबाव है।
उधर, ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने बुधवार को कहा कि यदि ब्रेक्जिट का उनका समझौता तीसरे प्रयास में पास कर दिया जाता है तो वह पद छोड़ देंगी। मे के ब्रेक्जिट संबंधी समझौते को संसद पहले ही दो बार खारिज कर चुकी है। अब वह अपनी कंजर्वेटिव पार्टी के बागियों अपने पक्ष में करने के लिए आखिरी प्रयास कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने संसदीय दल की मंशा को स्पष्टता से समझ लिया है। मैं जानती हूं कि ब्रेक्जिट वार्ता के दूसरे दौर में नए अप्रोच और नए नेतृत्व की इच्छा है और मैं इस रास्ते में नहीं आऊंगी। टेरीजा मे ने कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों संग बैठक में कहा कि यदि उनके प्लान को मंजूरी मिल जाती है तो वह पद छोड़ देंगी ताकि नया नेता भविष्य में यूरोपीय यूनियन के साथ नए रिश्ते की बातचीत करे।