स्मार्ट कपड़ों पर धातुओं की प्रिंटिंग की नई तकनीक ईजाद, इस तरह किया तैयार
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तकनीक की मदद से किफायती चिकित्सा उपकरण, वायु प्रदूषण मापने वाले सेंसर, स्वास्थ्य की निगरानी करने वाले उपकरण आदि तैयार किए जा सकेंगे।
लंदन, प्रेट्र। तकनीक के तेजी से विकास के क्रम में वैज्ञानिक इन दिनों स्मार्ट कपड़े तैयार करने पर काम कर रहे हैं। इन्हें इस तरह तैयार किया जा रहा है कि इस पर कई तरह के सेंसर, उपकरण आदि लगाए जा सकेंगे और इन स्मार्ट कपड़ों को आसानी से पहना भी जा सकेगा। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस दिशा में काम कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्हें एक अहम सफलता मिली है। उन्होंने ने एक ऐसी खास तकनीक ईजाद कर ली है, जिसकी मदद से कपड़ों पर धातुएं बेहद आसानी से प्रिंट की जा सकेंगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे बैट्री, वायरलेस उपकरण और सेंसर आदि को कपड़ों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने इस तकनीक के जरिये सोना, चांदी, प्लेटिनम जैसी धातुओं को कपड़ों पर प्रिंट किया। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तकनीक की मदद से किफायती चिकित्सा उपकरण, वायु प्रदूषण मापने वाले सेंसर, स्वास्थ्य की निगरानी करने वाले उपकरण आदि तैयार किए जा सकेंगे। इनकी मदद से व्यक्ति की सेहत पर निगरानी रखने में मदद मिल सकेगी।
पहली बार वाटरप्रूफ प्रिंटिंग
शोधकर्ताओं के मुताबिक, धातुओं को कपड़ों पर पहले भी प्रिंट किया जा रहा था, लेकिन अभी तक कोई ऐसी तकनीक विकसित नहीं की जा सकी थी, जिससे पानी से इन्हें बचाया जा सके। यानी पानी पड़ने पर इन उपकरणों के खराब होने का खतरा था। वहीं, अब इस नई तकनीक के जरिये यह प्रिंटिंग वाटरप्रूफ होगी। इस पर पानी पड़ने पर भी कोई असर नहीं होगा और उपकरण बिना रुके काम कर सकेंगे। इसके लिए धातुओं को कपड़ों पर प्लास्टिक से लेपित किया गया है।
पूरे कपड़े को धातु से किया जा सकेगा कवर
एडवांस्ड फंगश्नल मैटेरियल नामक जर्नल में इस खोज के बारे में प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि इस तकनीक की मदद से धातु की स्याही को कुछ स्थान पर लगाने के बजाय पूरे कपड़े को धातु से कवर किया जा सकेगा। यानी इसकी मदद से जिस उपकरण को स्मार्ट कपड़ों पर लगाया जाएगा वे बेहतर तकनीक से काम करने में सक्षम होगा।
इस तरह किया तैयार
कपड़ों पर धातुओं की प्रिंटिंग के लिए शोधकर्ताओं ने सबसे पहले उन्हें सिलिकॉन के सूक्ष्म कणों से ढक दिया और उसके बाद धातु आयनों के घोल में मैटेरियल को डुबो दिया। इस तरह स्मार्ट कपड़े तैयार करने की प्रक्रिया को एसआइएएम कहा जाता है। शोधकर्ताओं ने इसी तकनीक में कुछ सुधार किया और धातुओं की प्रिंटिंग के ऊपर प्लास्टिक का लेप लगाने में कामयाब हुए। इसके जरिये उन्होंने पिछली तकनीकों की तुलना में बेहद तरीका तलाश किया।
इसलिए बेहतर रास्ता तलाशने का सोचा
इंपीरियल कॉलेज लंदन से पीएचडी कर रहे मैक्स ग्रील कहते हैं, कपड़ों का प्रयोग प्राचीन काल से हो रहा है। यह हर जगह मौजूद हैं। यही वजह है कि हमने इन्हीं में उपकरणों को लगाने का बेहतर रास्ता तलाशने पर विचार किया। हमारी इस नई तकनीक की मदद से भविष्य के कई उपकरणों को कपड़ों से सीधा जोड़ना संभव हो सकेगा।