वैज्ञानिकों ने बनाया नया एआइ सिस्टम, एक घंटे पहले ही बता देगा कैसा रहेगा प्रदूषण का स्तर
Artificial Intelligence वैज्ञानिकों ने एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिस्टम विकसित किया है जो एक घंटे पहले ही बता देगा कि वायु प्रदूषण के स्तर कैसा रह सकता है।
लंदन, पीटीआइ। वैज्ञानिकों ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) सिस्टम विकसित किया है, जो वायु प्रदूषण के स्तर का पूर्वानुमान लगा सकता है। ब्रिटेन की लॉघबोरो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा, 'इस सिस्टम की तकनीक कई मायनों में नई है। इसमें पर्यावरणीय कारकों पर नई अंतरदृष्टि प्रदान करने की क्षमता है, जो वायु प्रदूषण के स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। इस प्रोजेक्ट में एआइ के जरिये पीएम 2.5 का पुर्वानुमान लगाया गया है। पीएम 2.5 से तात्पर्य है कि एक व्यास में 2.5 माइक्रोन से कम के पार्टिकुलेट मैटर। वायुमंडल में इसका स्तर ज्यादा होने पर शहरों में अक्सर दृश्यता धुंधली हो जाती है।
स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है पीएम 2.5
पार्टिकुलेट मैटर एक प्रकार का वायु प्रदूषक है और यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ी चिंता का विषय माना जाता है। शोधकर्ताओं ने कहा, 'ऐसा इसलिए है क्योंकि ये कण इतने छोटे होते हैं कि वे आसानी से फेफड़ों और फिर हमारे रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप कार्डियोवस्कुलर, सेरेब्रोवस्कुलर और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले लेती हैं।'
हवा की गुणवत्ता का बताएगा पता
लॉघबोरो यूनिवर्सिटी के युआनलिन ली ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि हमारे पास वर्तमान में ऐसे सिस्टम मौजूद नहीं हैं, जो पीएम 2.5 का पूर्वानुमान लगा सकें लेकिन नए सिस्टम के जरिये इस तकनीक को अगले स्तर पर ले जाया जा सकता है।' उन्होंने कहा कि इसकी मदद से हम किसी स्थान विशेष के बारे में एक घंटे पहले यह बता सकते हैं कि अगले कुछ घंटों में वहां हवा की स्थिति कैसी रहने वाली है।
पर्यावरणीय कारकों की पैदा होगी बेहतर समझ
शोधकर्ताओं ने कहा, 'यह सिस्टम वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार विभिन्न कारकों और आंकड़ों के बारे में भी विस्तार से जानकारी देता है, जिससे मौसम और पर्यावरणीय कारकों की बेहतर समझ पैदा हो सकती है जो पीएम 2.5 को भी प्रभावित कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि इस एआइ सिस्टम में ऐसी क्षमता है कि यह वायु प्रदूषण विश्लेषण उपकरण यानी एयर पल्यूशन एनालिसिस टूल का इस्तेमाल कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग सिस्टम में रूप में कर सकता है।
मशीन लर्निग का किया उपयोग
शोधकर्ताओं की टीम ने मशीन लर्निंग का उपयोग करके एक सिस्टम बनाया। यह एक प्रकार की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक है, जो नियमों और विशेषताओं को सीखने के लिए बड़ी मात्रा में डाटा का उपयोग करती है। इसी की मदद से यह वायु प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाती है। अपनी एग्लोरिद्म का परीक्षण करने के लिए शोधकर्ताओं ने बीजिंग के वायु प्रदूषण के डाटा का उपयोग किया। उन्होंने कहा कि अब इस प्रणाली का परीक्षण अब चीन के शेनजेन में लगाए गए सेंसरों द्वारा एकत्र किए गए लाइव डेाटा पर भी किया जाएगा।