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Monkeypox: मंकीपाक्स की चपेट में यूरोप, मामले 100 के पार, WHO ने बुलाई आपात बैठक

यूरोप महाद्वीप इस समय मंकीपाक्स की चपेट में है। यूरोप में पहले मामले की पुष्टि सात मई को हुई थी। संक्रमित व्यक्ति नाइजीरिया से ब्रिटेन लौटा था। तब से अब तक 100 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ब्रिटेन में अब तक 20 मामलों की पुष्टि हुई है।

By Piyush KumarEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 09:57 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 09:57 PM (IST)
Monkeypox: मंकीपाक्स की चपेट में यूरोप, मामले 100 के पार, WHO ने बुलाई आपात बैठक
यूरोप महाद्वीप इस समय मंकीपाक्स की चपेट में है। (फाइल फोटो)

लंदन, रायटर : यूरोप महाद्वीप इस समय मंकीपाक्स की चपेट में है। यूरोप में पहले मामले की पुष्टि सात मई को हुई थी। संक्रमित व्यक्ति नाइजीरिया से ब्रिटेन लौटा था। तब से अब तक 100 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है। ब्रिटेन में अब तक 20 मामलों की पुष्टि हुई है।

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कई यूरोपीय देश मंकीपाक्स की चपेट में

स्पेन , बेल्जियम, पुर्तगाल, फ्रांस में भी संक्रमण के मामले मिले हैं। यूरोप के साथ उत्तरी अमेरिका और आस्ट्रेलिया में भी लोग चपेट में आए हैं। इसका कारण अभी भी अस्पष्ट है। इस बीच रूसी मीडिया के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायरस के प्रकोप पर चर्चा के लिए विशेषज्ञों की आपात बैठक बुलाई है। इससे पहले अफ्रीका से बाहर शायद ही मंकीपाक्स का मामला मिला हो। इसलिए अफ्रीका से बाहर संक्रमण का फैलना चिंताजनक है। हालांकि विज्ञानियों को कोरोना की तरह इसके फैलने की आशंका नहीं है।

यह एक महमारी है

राबर्ट कोच इंस्टीट्यूट के फैबियन लेंडर्टज ने कहा, यह महामारी है, लेकिन लंबे वक्त तक इसके प्रकोप का सामना नहीं करना पड़ेगा। संक्रमितों की पहचान आसानी से की जा सकती है।

जानिए क्या है मंकीपाक्स

यह एक जानवरों से मनुष्य से मनुष्य में फैलने वाला वायरस है, जिसमें स्माल पाक्स जैसे लक्ष्ण होते हैं। हालांकि यह इलाज की दृष्टि से कम गंभीर है। बता दें कि कई जानवरों की प्रजातियों को मंकीपाक्स वायरस के लिए जिम्मेदार माना गया है। इन जानवरों में गिलहरी, पेड़ गिलहरी, गैम्बिया पाउच वाले चूहे शामिल हैं।  

यह आमतौर पर फ्लू जैसी बीमारी और लिम्फ नोड्स की सूजन से शुरू होती है और चेहरे और शरीर पर एक दाने के रूप में विकसित होती है। अधिकांश संक्रमण 2 से 4 सप्ताह तक चलते हैं। आमतौर पर इस रोग में, बुख़ार, दाने और लिम्फ़ नोड्स में सूजन जैसे लक्षण सामने आते हैं। इस बिमारी के फैलने का कारण जीवित या मृत जंगली जानवरों का मांस खान से भी इस बीमारी के फैलने के जोखिम है।


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