मसूद अजहर का लापता होना पाकिस्तान पर खड़ा करता है सवाल: MQM प्रमुख अल्ताफ हुसैन
इस हफ्ते FATF की बैठक के दौरान पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट जमा करनी है।
लंदन, एएनआइ। मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद (JeM) प्रमुख और संयुक्त राष्ट्र से घोषित आतंकवादी मसूद अजहर के पाकिस्तानी सेना की तथाकथित हिरासत से गायब होने की खबरों ने राज्य की नीति पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ट्वीट में हुसैन ने कहा कि अजहर और उनके परिवार के लापता होने की खबरें पेरिस में वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के प्रमुख पूर्ण सत्र की शुरुआत से पहले आई हैं।
दुनिया भर में आतंकवादियों को आर्थिक मदद रोकने के लिए काम करने वाली संस्था फाइनेंसिएल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अहम बैठक फ्रांस की राजधानी पेरिस में रविवार को शुरू हुई। इस दौरान यह देखा जाएगा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कदम उठाए हैं या आतंकी वित्तपोषण से लड़ने के लिए अपनी कार्य योजना को लागू किया है या नहीं। बैठक में आईएमएफ, संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और अन्य संगठनों सहित दुनिया भर के 205 देशों और न्यायालयों के 800 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे।
एक अलग ट्वीट में, हुसैन ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की पाकिस्तान यात्रा पर अपनी चिंता व्यक्त की। MQM नेता ने पूछा कि क्या संयुक्त राष्ट्र प्रमुख अपनी चार दिवसीय यात्रा के दौरान सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के प्रांतों का दौरा करेंगे और उनकी दमन की कहानियों को सुनेंगे।
बता दें कि इस हफ्ते FATF की बैठक के दौरान पाकिस्तान को आतंकी फंडिंग रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट जमा करनी है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अभी निगरानी वाली 'ग्रे' सूची में रखा है। अगर उसकी रिपोर्ट संतोषजनक नहीं मिलती है तो उसे काली सूची में भी डाला जा सकता है।
पाकिस्तान की तरफ से जमा कराई जाने वाली रिपोर्ट की जांच एफएटीएफ का इंटरनेशनल को-ऑपरेशन रिव्यू ग्रुप (ICRG) करेगा। एफएटीएफ ने आतंकी फंडिंग रोकने के लिए पाकिस्तान से 27 बिंदुओं पर कार्रवाई करने को कहा था। इस बैठक में यह देखा जाएगा कि क्या पाकिस्तान ने उसकी तरफ से निर्धारित बिंदुओं पर कार्रवाई की है या नहीं और की है तो किस हद तक।
एफएटीएफ ने 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा था। एफएटीएफ की पिछली बैठक में यह पाया गया था कि पाकिस्तान ने सिर्फ सात बिंदुओं पर ही कुछ कार्रवाई की है। इसके बाद संस्था ने उसे इस साल फरवरी तक का वक्त देते हुए शेष 22 बिंदुओं पर कार्रवाई करने को कहा था।