ऑपरेशन में जा फंसे नकली दांत, आठ दिन बाद कैमरा डालकर देखा तो डॉक्टर हुए हैरान
ब्रिटेन में एक बुजुर्ग के साथ कुछ ऐसा हुआ कि डॉक्टर भी हैरत में पड़ गए। डॉक्टरों ने बताया कि इस घटना से उन्हें सीख लेनी चाहिए जो नकली दांतों का इस्तेमाल करते हैं।
लंदन, एएफपी। ब्रिटेन में एक बुजुर्ग के साथ कुछ ऐसा हुआ कि डॉक्टर भी हैरत में पड़ गए। दरअसल, 72 वर्षीय रिटायर्ड इलेक्ट्रीशियन जैक एक जनरल सर्जरी के बाद जब अपने घर लौटे तो उन्हें आभास हुआ कि मुंह से खून आ रहा है, गले में दर्द है और भोजन नहीं निगल पा रहे हैं। इसके बाद वह फिर से अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों को अपनी शिकायत बताई। डॉक्टरों ने उनकी रिपोर्ट देखी, जैक को न तो फेफड़ों की समस्या थी, ना तो कोई सांसों का इंफेक्शन...
डॉक्टरों ने जैक को कुछ माउथ वॉश और एंटीबायोटिक दवाएं लिखीं और उन्हें घर भेज दिया। दो दिन बाद जैक फिर डॉक्टरों के पास पहुंचे और लगातार बिगड़ती जा रही अपनी स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि वह कुछ भी निगल नहीं पा रहे हैं और सांस लेने में भी तकलीफ महसूस हो रही है। उन्होंने कहा कि खासकर सोते वक्त वह सांस नहीं ले पा रहे हैं। यह जानकारी यार्मोथ यूनिवर्सिटी हॉस्पीटल एनएचएस के नाक, गले और कान के सर्जन हैरेट कनिफ ने दी।
जैक की हालत को देखकर डॉक्टरों ने एक अलग तरह की न्यूमोनिया का संदेह जताया और उन्हें भर्ती कर लिया। बाद में दवाओं के काम नहीं करने पर डॉक्टरों ने उनकी नोसेंडोस्कोपी की। नोसेंडोस्कोपी में एक ऑप्टिक फाइबर कैमरे को नथुने के माध्यम से गले में डाला गया। इसके बाद में डॉक्टरों को जो दिखा उससे वे हक्के बक्के रह गए। जांच में पाया गया कि जैक के गले में एक बड़ी सी चीज फंसी हुई है।
डॉक्टरों ने जैक को यह बात बताई तो उन्होंने कहा कि आठ दिन पहले जनरल सर्जरी के दौरान उनके नकली दांत गुम हो गए थे। एक सामान्य घटना मानकर वह इसे भूल गए थे। जैक ने बताया कि नकली दांतों में नकली प्लेट और आगे के तीन दांत थे। इसके बाद डॉक्टरों ने उनके गले की सर्जरी की और उस चीज को निकाला जो गले में फंसी थी। डॉक्टरों ने पाया कि यह जैक के वहीं नकली दांत थे जो आठ दिन पहले खो गए थे।
डॉक्टरों ने बताया कि जनरल सर्जरी के दौरान जैक के गले में उसके नकली दांत सरक कर चले गए थे। इस बात का ना तो उन्हें पता चला, ना ही डॉक्टर ही इस बारे में जान पाए। आखिरकार डॉक्टरों ने जैक के नकली दांत निकाले और 6 दिन बाद उनको डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि इस घटना से उन लोगों को सीख लेनी चाहिए जो नकली दांतों का इस्तेमाल करते हैं।
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