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लंदन में ‘फ्री बलूचिस्‍तान’ मुहिम, यहां बसों पर लिखे हैं आजादी के हक के नारे

पाकिस्‍तान द्वारा रोकने के असफल प्रयासों के बावजूद लंदन की सड़कों स्‍थानीय बसों के जरिए बलूचिस्‍तान की आजादी का मुहिम जारी है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 14 Nov 2017 10:37 AM (IST)Updated: Tue, 14 Nov 2017 10:41 AM (IST)
लंदन में ‘फ्री बलूचिस्‍तान’ मुहिम, यहां बसों पर लिखे हैं आजादी के हक के नारे
लंदन में ‘फ्री बलूचिस्‍तान’ मुहिम, यहां बसों पर लिखे हैं आजादी के हक के नारे

लंदन (एएनआई)। बलूचिस्‍तान की आजादी, बलूच नागरिकों के रक्षा और उनकी गुमशुदगी को लेकर विश्‍व बलूच संगठन ने लंदन की सड़कों पर अपने मुहिम का तीसरा चरण लांच कर दिया है। जिसे रोकने के लिए पाकिस्‍तान ने काफी प्रयास किया था लेकिन असफल रहा।

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वर्ल्‍ड बलूच आर्गेनाइजेशन ने बलूचिस्‍तान की आजादी के लिए चलाए गए अपने कैंपेन के तीसरे चरण की शुरुआत की। पाकिस्‍तान सरकार द्वारा इसके कैंपेन पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों के बावजूद आर्गेनाइजेशन ने अपने #FreeBalochistan एडवर्टाइजिंग कैंपेन के तीसरे चरण को लांच किया।

लंदन के 100 बसों से अधिक पर बलूचिस्‍तान की आजादी का नारा बुलंद करते हुए पोस्‍टर लगाए गए हैं। इन पोस्‍टरों पर ‘फ्री बलूचिस्‍तान’, ‘सेव द बलूच पीपुल’ और ‘स्‍टॉप एन्‍फोर्स्‍ड डिसअपीयरेंसेज’ का चित्रण है।

वर्ल्‍ड बलूच आर्गेनाइजेशन (WBO) के प्रवक्‍ता भावल मेंगल ने कहा, ‘यह हमारे लंदन कैंपेन का तीसरा चरण है जो पाकिस्‍तान द्वारा बलूचिस्‍तान में मानवाधिकार के उल्‍लंघन पर जागरुकता फैलाने के लिए आयोजित किया गया है। हमने टैक्‍सी पर इस तरह के पोस्‍टरों को लगाकर शुरुआत की और इसके बाद सड़क किनारे पोस्‍टर लगाए अब हम लंदन की बसों पर बलूचिस्‍तान की आजादी का नारा बुलंद करते हुए पोस्‍टर लगा रहे हैं। हमारे इस कदम को रोकने के लिए पाकिस्‍तान ने ब्रिटेन पर दबाव डाला लेकिन इसमें वह असफल रहा। पाकिस्‍तान ने ब्रिटेन से बलूच संबंधित इस गतिविधि पर प्रतिबंध लगाने का दबाव बनाया था। हमारे इस कैंपेन को ताकत मिल रहा है और यह आने वाले हफ्तों में भी जारी रहेगा।‘

उन्‍होंने आगे कहा, अभिव्‍यक्‍ति की स्‍वतंत्रता पर हमला पाकिस्तान की गंदी रणनीति है। बलूचिस्‍तान में पाक सेना के युद्ध अपराधों पर पर्दा डालने और बलूच नागरिकों की आवाज दबाने के लिए पाकिस्‍तान जोर लगा रहा है। हमारा शांतिपूर्ण विज्ञापन अभियान है। पाकिस्तान की आक्रामक प्रतिक्रिया ब्रिटेन सरकार और बलूच मानवाधिकार रक्षकों को धमकाने का एक असफल प्रयास है।

बलूच नेता नूरदीन मेंगल ने कहा कि पाकिस्‍तानी सुरक्षा बलों ने दस हजार से अधिक बलूच नागरिकों की हत्‍या कर दी या वे लापता हो गए। उन्‍होंने कहा, बलूचिस्तान पहले एक ब्रिटिश संरक्षक था जिसे 1947 में स्वतंत्रता दी गई थी। यह 1948 में पाकिस्तान द्वारा बलपूर्वक कब्जा कर लिया गया था और तब से वहां की स्‍थिति दयनीय है। बलूचिस्तान के नागरिकों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के विपरीत स्‍वतंत्रता नहीं है। 

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