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जॉनसन ने कहा- पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर ईयू से जल्द पूरी होगी अलगाव की प्रक्रिया

लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन इसके विरोध में हैं। उनके अनुसार इस समझौते के लागू होने से कामगारों के हितों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 10:10 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 10:34 PM (IST)
जॉनसन ने कहा- पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर ईयू से जल्द पूरी होगी अलगाव की प्रक्रिया
जॉनसन ने कहा- पूर्ण बहुमत की सरकार बनने पर ईयू से जल्द पूरी होगी अलगाव की प्रक्रिया

लंदन, प्रेट्र। अपनी घोषणा के अनुरूप 31 अक्टूबर को यूरोपीय यूनियन (ईयू) से अलगाव की प्रक्रिया पूरी न कर पाने के लिए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अफसोस जाहिर किया है। जॉनसन ने इसके लिए देश की संसद को जिम्मेदार ठहराया जिसने समझौता प्रस्ताव पर अनावश्यक संशोधन पारित किया और बहस को लंबा खींचा। जॉनसन ने यह बात चुनाव प्रचार के दौरान कही।

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फराज का चुनाव न लड़ने का फैसला

एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में ब्रेक्जिट पार्टी के प्रमुख नीजेल फराज ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री और उनके ईयू से समझौते के खिलाफ देश भर में प्रचार करने की घोषणा की है।

कंजरवेटिव पार्टी की सरकार ही ब्रेक्जिट प्रक्रिया पूरी कर सकती है

जॉनसन ने कहा, अगर उनके नेतृत्व में अगली सरकार बनती है तो 31 जनवरी, 2020 तक ब्रेक्जिट (ईयू से अलगाव) हो जाएगा, अन्यथा उसमें रुकावट आ सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल कंजरवेटिव पार्टी की सरकार ही देश को सही रास्ते पर लेकर आगे बढ़ सकती है और ब्रेक्जिट प्रक्रिया पूरी कर सकती है।

अन्य पार्टी की सरकार बनने पर ब्रेक्जिट लंबे समय के लिए टल सकता है

जॉनसन ने कहा, पूर्ण बहुमत के साथ कंजरवेटिव पार्टी की सरकार बनने पर ब्रेक्जिट प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ सकती है। संभवत: इसे दिसंबर में ही पूरा कर लिया जाए, लेकिन किसी अन्य पार्टी की सरकार बनने पर ईयू के साथ हुआ समझौता खतरे में पड़ सकता है और ब्रेक्जिट लंबे समय के लिए टल सकता है।

लेबर पार्टी ने कहा- समझौता लागू होने से कामगारों के हितों पर पड़ेगा बुरा प्रभाव

जॉनसन के हाल ही में ईयू के साथ किए अलगाव की शर्तो के समझौते को संसद ने पारित कर दिया है, लेकिन विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन इसके विरोध में हैं। उनके अनुसार इस समझौते के लागू होने से कामगारों के हितों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। ब्रेक्जिट पार्टी के प्रमुख नीजेल फराज पहले ही इस समझौते का विरोध कर रहे हैं। अगर संसद में इन दोनों का प्रभाव बढ़ता है तो ब्रिटेन में ब्रेक्जिट के लटकने के आसार बढ़ जाएंगे।


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