भारतवंशी सांसद लीसा नंदी को मिल सकती है ब्रिटेन की लेबर पार्टी की कमान
लीसा नंदी के अलावा कीर स्टारमर और बर्मिघम से सांसद जेस फिलिप्स भी लेबर पार्टी के मुखिया बनने के लिए जोर लगा रहे हैं।
लंदन, प्रेट्र। भारतवंशी सांसद लीसा नंदी ब्रिटेन की लेबर पार्टी में जेरेमी कॉर्बिन की जगह ले सकती हैं। कॉर्बिन पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वह अगले आम चुनावों में पार्टी का नेतृत्व नहीं करेंगे। पार्टी की बुरी हार के बाद उन पर इस्तीफे का दबाव भी बढ़ गया है।
लीसा विगान सीट बचाने में कामयाब रहीं
गुरुवार को हुए आम चुनाव में भारतीय मूल के जिन 15 सांसदों ने जीत दर्ज की है, उनमें 40 वर्षीय लीसा भी हैं। वह अपनी विगान सीट बचाने में कामयाब रहीं।
लोगों ने हमें क्यों नकार दिया, इस पर विचार करने की जरूरत है
रविवार को एक इंटरव्यू में पार्टी नेतृत्व की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, अगर ईमानदारी से कहूं तो मैं इसके बारे में गंभीरता से सोच रही हूं। हमें इस बारे में गंभीरता से सोचने की जरूरत है कि जिन लोगों ने जीवनभर लेबर पार्टी को वोट दिया आखिर उन्होंने हमें क्यों नकार दिया। नंदी के अलावा कीर स्टारमर और बर्मिघम से सांसद जेस फिलिप्स भी पार्टी मुखिया बनने के लिए जोर लगा रहे हैं।
हार के लिए कॉर्बिन ने मांगी माफी
आम चुनावों में पार्टी की हार के लिए लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने लोगों से माफी मांगी है। संडे मिरर और ऑब्जर्वर में लिखे लेख में कॉर्बिन ने हार के लिए माफी तो मांगी लेकिन नेतृत्व छोड़ने को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं दिया। उन्होंने लिखा, कोई भी व्यक्ति जो परिवर्तन चाहता था, उसके लिए यह परिणाम झटका हैं। मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।
इच्छा के विपरीत स्कॉटलैंड को ब्रिटेन में नहीं रख सकते जॉनसन
चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद स्कॉटलैंड की फर्स्ट मिनिस्टर निकोल स्टर्जन ने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को चेताया है कि वह स्कॉटलैंड की इच्छा के विपरीत उसे यूनाइटेड किंगडम में नहीं रख सकते। जॉनसन और उनकी सरकार लगातार कहती रही है कि वह स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता को लेकर एक और जनमत संग्रह नहीं कराएंगे।
एसएनपी ने कहा- जनमत संग्रह के लिए मिला जनादेश
स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) ने कहा है कि उसे जनमत संग्रह के लिए जनादेश मिला है। एसएनपी ने स्कॉटलैंड की 59 सीटों में से 48 पर जीत दर्ज की है। स्कॉटलैंड की कैबिनेट की अध्यक्षता करने वाले व्यक्ति को फर्स्ट मिनिस्टर कहा जाता है। स्टर्जन ने एक इंटरव्यू में कहा, अगर वह सोचते हैं कि नहीं कहने से काम खत्म हो जाएगा तो वह पूरी तरह गलत साबित होंगे। आप स्कॉटलैंड की इच्छा के विपरीत उसे यूनाइटेड किंगडम में नहीं रख सकते। यह उसकी स्वीकृति के बाद ही संभव हो सकेगा।