माल्या को दिवालिया घोषित कर संपत्ति जब्ती की मांग, लंदन हाई कोर्ट में फैसला सुरक्षित
यह याचिका 2018 में दायर की गई थी। माल्या ने बैंकों से यह कर्ज बंद हो चुकी अपनी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिया था।
लंदन, पीटीआइ। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के मामले में स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय बैंकों ने लंदन हाई कोर्ट से दिवालिया घोषित कर उसकी संपत्ति जब्त कराने की मांग की है। माल्या इन भारतीय सरकारी बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा लेकर फरार हो चुका है और कई वर्षो से ब्रिटेन में रह रहा है।
न्यायाधीश माइकेल ब्रिग्स की अध्यक्षता वाली कोर्ट की बेंच बैंकों की याचिका पर सुनवाई कर रही है। यह याचिका 2018 में दायर की गई थी। माल्या ने बैंकों से यह कर्ज बंद हो चुकी अपनी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए लिया था।
बैंकों की ओर से पेश वकील मर्सिया शेकरडेमियां ने कहा, हम अपने कर्ज से कम धनराशि स्वीकार नहीं कर सकते। ऐसा हम क्यों करें ? कोर्ट में यह सवाल माल्या की ओर से यह प्रस्ताव आने के बाद उठा कि भारत और दुनिया भर से जब्त माल्या की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है। इसलिए अब मामला चलाए जाने की जरूरत नहीं है। बैंकों की ओर से बताया गया कि जब्त संपत्ति का मूल्यांकन उनके दिए कर्ज से कम है। इसलिए ऐसे किसी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
बैंकों ने फ्रांस के एक विला, ब्रिटेन में वर्जिन द्वीप और अन्य स्थानों की संपत्ति, कैरेबियाई देश सेंट किट्स एंड नेविस में मौजूद अचल संपत्ति और इंडियन इंप्रेस सुपरयाट की जब्ती के लिए आदेश पारित करने की मांग की है। बैंकों की वकील ने कहा, माल्या की संपत्ति को हम उनके आभासी मूल्य के आधार पर स्वीकार नहीं कर सकते। क्योंकि उनमें से कई संपत्तियां निष्प्रयोज्य या जर्जर हो चुकी हैं।
भारत में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई की उल्लेख करते हुए माल्या के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल की बकाएदारी से ज्यादा संपत्तियां जब्त की जा चुकी हैं, इसलिए कोर्ट से ऐसे किसी की आदेश की जरूरत नहीं है। इसलिए बैंकों की याचिका खारिज की जाए।