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पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता बोले, चीन के खिलाफ लड़ाई में हम भारतीय सेना के साथ, देंगे मुंहतोड़ जवाब

मीरपुर के रहने वाले अमजद अयूब मिर्जा ने कहा कि चीन ने एक बड़ी गलती की है। उसने भारत में 135 करोड़ लोगों और पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान में रहने वाले लोगों को छेड़ दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 05:29 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 06:55 PM (IST)
पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता बोले, चीन के खिलाफ लड़ाई में हम भारतीय सेना के साथ, देंगे मुंहतोड़ जवाब
पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता बोले, चीन के खिलाफ लड़ाई में हम भारतीय सेना के साथ, देंगे मुंहतोड़ जवाब

ग्‍लासगो, एएनआइ। गुलाम कश्मीर (पीओके) के एक राजनीतिक कार्यकर्ता, जो ब्रिटेन के ग्लासगो में निर्वासन में रह रहे हैं, ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी आक्रमण पर अपना गुस्सा व्यक्त किया है और भारतीय सेना का समर्थन करने का वादा किया है।  

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पाकिस्तान और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी ने खेला गंदा खेल 

पीओके में मीरपुर के रहने वाले अमजद अयूब मिर्जा ने बताया कि पिछले 70 सालों से गुलाम कश्मीर (पीओके) और गिलगिट-बाल्टिस्तान को भारत से अलग रखा गया है। चीन की आक्रामकता के कारण भारत को कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी एक साथ गंदा खेल खेल रही हैं। हम चुप नहीं रहेंगे और भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। 

भारत के लिए लड़ूंगा

उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से भारत के लिए लड़ूंगा। जहां भी भारतीय सेना के जवानों का खून बहाया जाएगा, हम दुश्मन के खिलाफ लड़ेंगे। भारत के गलवन घाटी में हिंसक भिड़ंत के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया और इस दौरान तय किए गए मानदंडों के उल्लंघन में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सैनिकों को एकत्र करने का आरोप लगाया।

15 जून को हिंसक भिड़ंत में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीन की सेना के भी कई जवान या तो मारे गए या उन्‍हें गंभीर रूप से घायल होना पड़ा। हालांकि, बीजिंग ने सीमा संघर्ष में मारे गए अपने सैनिकों की संख्या का आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया है। 

चीन ने 135 करोड़ लोगों को छेड़ा 

मिर्जा ने कहा कि चीन ने एक बड़ी गलती की है। उसने भारत में 135 करोड़ लोगों और पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान में रहने वाले लोगों को छेड़ दिया है। अगर जरूरत पड़ी तो हम दुश्मन के खिलाफ लड़ाई के लिए भारतीय सेना में शामिल होंगे। चीन की आक्रामकता और अंतरराष्ट्रीय सीमा कानूनों के उल्लंघन के खिलाफ विश्व शक्तियां भारत के साथ खड़ी हैं। 

अमेरिका ने चीन के खिलाफ सैनिकों की तैनाती की बात कही 

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने इस महीने की शुरुआत में यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्रियों के साथ चीनी सेना की उत्तेजक सैन्य कार्रवाइयों के बारे में बात की थी। भारत के साथ घातक सीमा टकराव के उदाहरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि वाशिंगटन यह सुनिश्चित करेगा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) से भारत, वियतनाम जैसे दूसरे देशों के खतरे के मद्देनजर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का मुकाबला करने के लिए अमेरिकी सेना को उचित जगह तैनात किया जाए। भारत सहित कई देशों के चीन खतरनाक साबित हो रहा है। 


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