ब्रिटिश संसद में ब्रेक्जिट पर पीएम टेरीजा मे को झटका, मसौदा हुआ खारिज
ब्रेक्जिट प्लान पर संसद की मुहर लगवाने की कवायद में पीएम टेरीजा मे को शुरुआती दौर में झटका लगा है।
लंदन, रायटर। सरकार के ब्रेक्जिट प्लान पर संसद की मुहर लगवाने की कवायद में प्रधानमंत्री टेरीजा मे को शुरुआती दौर में ही झटका लगा है। बुधवार को संसद ने उनसे वैकल्पिक कार्य योजना की मांग कर डाली। वैसे टेरीजा ने ब्रेक्जिट पर अपने मसौदे पर मतदान के लिए 15 जनवरी की तारीख घोषित की है। ब्रेक्जिट ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन (ईयू) से बाहर निकलने की प्रक्रिया है। इसे 29 मार्च को पूरा होना है। संसद में शुरू हुई पांच दिन की बहस के दौरान टेरीजा को हार का सामना करना पड़ा है।
बुधवार को ब्रिटिश संसद में 297 समर्थकों के जवाब में 308 सांसदों के समर्थन वाली वह मांग पारित हुई जिसमें टेरीजा सरकार से ब्रेक्जिट की वैकल्पिक कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। सरकार से यह मसौदा तीन दिन के भीतर पेश करने के लिए कहा गया है। टेरीजा ने अपने मसौदे में कोई फेरबदल करने से इन्कार कर दिया है। इस मसौदे के अनुसार ईयू से बाहर आने के बाद भी ब्रिटेन उसके साथ मजबूत व्यापार संबंध बनाए रखेगा। ब्रिटेन के बाहर आने के बाद ईयू में 27 देश बचेंगे।
टेरीजा के इस रुख के चलते सरकार और ब्रेक्जिट के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं। 40 साल में ब्रेक्जिट के रूप में हो रहे इस सबसे बड़े विदेश और कारोबार नीति के बदलाव पर दूसरी बार जनमत संग्रह की संभावना भी सिर उठाने लगी है। इस मसले पर सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी ने स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाया है। विपक्षी लेबर पार्टी ने साफ किया है कि अगर 15 जनवरी को ब्रेक्जिट से संबंधित मतदान नहीं हुआ तो वह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।