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ब्रेक्जिट पर फिर से जनमत संग्रह की मांग, लंदन में जुटे लाखों लोग संसद तक निकाला मार्च

प्रधानमंत्री टेरीजा के लिए यह मुद्दा कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है। संसद में बने विरोध के माहौल से उनके इस्तीफे के लिए भी दबाव बन रहा है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 09:46 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 09:46 PM (IST)
ब्रेक्जिट पर फिर से जनमत संग्रह की मांग, लंदन में जुटे लाखों लोग संसद तक निकाला मार्च
ब्रेक्जिट पर फिर से जनमत संग्रह की मांग, लंदन में जुटे लाखों लोग संसद तक निकाला मार्च

लंदन, रायटर। ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन (ईयू) से अलग होने का मुद्दा बुरी तरह से उलझ गया है। शनिवार को लाखों लोग ईयू से वापसी की प्रक्रिया रोके जाने की मांग को लेकर लंदन के मध्य में एकत्रित हो गए। वहां से उन्होंने ब्रेक्जिट के मुद्दे पर दोबारा जनमत संग्रह कराने की मांग करते हुए मार्च निकाला, जो संसद भवन के समक्ष पूरा हुआ। ब्रेक्जिट को लेकर पैदा अनिश्चितता से प्रधानमंत्री टेरीजा मे के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।

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तीन साल तक बहस और वार्ता होने के बावजूद अभी तक यह निश्चित नहीं है कि ब्रिटेन का यूरोपीय यूनियन से अलगाव कब और किस तरह पूरा होगा। प्रधानमंत्री टेरीजा के लिए यह मुद्दा कार्यकाल की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है। संसद में बने विरोध के माहौल से उनके इस्तीफे के लिए भी दबाव बन रहा है। ईयू में बने रहने की समर्थक सांसद अन्ना सौब्री के अनुसार यह स्थिति असहनीय है। पैदा हुए हालात डराने वाले हैं।

यह स्थिति प्रधानमंत्री टेरीजा की पैदा की हुई है। उन्हें पद छोड़ना होगा। हमें अंतरिम प्रधानमंत्री चाहिए जो हमें ब्रेक्जिट से पैदा मुश्किल से निकाल सके। अन्ना ही नहीं ब्रिटेन के सभी राजनीतिक नेता ब्रेक्जिट के मुद्दे पर बंटे हुए हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह स्थिति सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है।


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