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बेकार हुए क्रिसमस ट्री से पेंट सहित कई जरूरी चीजें की जा सकती हैं तैयार

एक अध्ययन में बताया गया है कि क्रिसमस के बाद इस पेड़ को फेंकने के बजाए कई जरूरी चीजें तैयार करने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 29 Dec 2018 11:51 AM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 11:52 AM (IST)
बेकार हुए क्रिसमस ट्री से पेंट सहित कई जरूरी चीजें की जा सकती हैं तैयार
बेकार हुए क्रिसमस ट्री से पेंट सहित कई जरूरी चीजें की जा सकती हैं तैयार

लंदन, प्रेट्र। क्रिसमस का पर्व बीत चुका है। हालांकि, कई घरों में अभी भी क्रिसमस ट्री की सजावट बरकरार होगी। एक अध्ययन में बताया गया है कि क्रिसमस के बाद इस पेड़ को फेंकने के बजाए कई जरूरी चीजें तैयार करने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इनसे पेंट और फूड स्वीटनर (खाने चीनी के समान मिठास लाने वाले सब्सिट्यूट) जैसी कई उपयोगी चीजें तैयार की जा सकती हैं।

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ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड के शोधकर्ताओं का कहना है कि क्रिसमस ट्री में सैकड़ों हजारों देवदार की सुइयां होती हैं, जो अन्य पेड़ों की पत्तियों की तुलना में सड़ने में लंबा समय लेती हैं। जब वे सड़ती हैं तो भारी मात्र में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करती हैं।

शेफील्ड यूनिवर्सिटी के पीएचडी छात्र सिंथिया कार्ति द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया कि संसाधित किए जाने पर देवदार की सुइयों से निकाले गए रसायनों से उपयोगी उत्पाद बनाए जा सकते हैं।देवदार की सुइयों का प्रमुख घटक (85 फीसद तक) एक जटिल बहुलक है, जिसे लिग्नोसेल्यूलोज के रूप में जाना जाता है। इस बहुलक की जटिलता के कारण बायोमास ऊर्जा के लिए औद्योगिक प्रक्रियाओं में इनका प्रयोग करना मुश्किल होता है।

कार्ति के मुताबिक, मेरा शोध इस जटिल संरचना को सरल, उच्च मूल्यवान औद्योगिक रासायनिक कच्चे माल जैसे शर्करा और फेनोलिक्स को तैयार करने पर केंद्रित था। इसके जरिये घरेलू क्लीनर और माउथवॉश जैसे उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं। इस दिशा में काम करते हुए देवदार की सुइयों की रासायनिक संरचना को बदलने में मदद मिली। इसके जरिये तैयार बायो ऑयल की मदद से पेंट, फूड स्वीटनर और सिरका आदि तैयार किया जा सकता है।

इतने पेड़ फेंके जाते हैं ब्रिटेन में
शोधकर्ताओं का कहना है कि ब्रिटेन में हर साल क्रिसमस पर 80 लाख क्रिसमस ट्री प्रयोग में लाए जाते हैं, जिनमें से लगभग 70 लाख को लैंडफिल में फेंक दिया जाता है। अगर देवदार की सुइयों को क्रिसमस के बाद एकत्र किया जाए और उसे संसाधित करके उपयोग में लाया जाए तो इस समस्या का हल निकल सकता है। 


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