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अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल तक पहुंचने में मदद करेंगे 'गट माइक्रोब्स', जानिए क्या है इनकी खासियत

शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि मनुष्य मंगल पर घूमना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें करोड़ों किलोमीटर लंबी अंतरिक्ष उड़ान भरने की आवश्यकता होगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 08:57 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 08:59 PM (IST)
अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल तक पहुंचने में मदद करेंगे 'गट माइक्रोब्स', जानिए क्या है इनकी खासियत
अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल तक पहुंचने में मदद करेंगे 'गट माइक्रोब्स', जानिए क्या है इनकी खासियत

लंदन, आइएएनएस। हमारे शरीर के बाहर और भीतर कई तरह के सूक्ष्मजीव यानी माइक्रोब्स रहते हैं। इनकी आबादी को माइक्रोबायोम कहा जाता है। इनमें से कुछ शरीर के लिए लाभदायक होते हैं तो कुछ हानिकारक। कई गट माइक्रोब्स यानी आतों में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव भोजन को पचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गट माइक्रोबायोम को बढ़ावा देने से अंतरिक्ष यात्रा से होने वाली थकान से बचा जा सकता है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है।

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अंतरिक्ष यात्रा से स्वास्थ्य पर पड़ता है नकारात्मक प्रभाव

शोधकर्ताओं का कहना है कि यदि मनुष्य मंगल पर घूमना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें करोड़ों किलोमीटर लंबी अंतरिक्ष उड़ान भरने की आवश्यकता होगी। लेकिन अंतरिक्ष यात्रा से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण (माइक्रोग्रैविटी) वाले वातावरण में मांसपेशियां फटने के साथ-साथ हड्डियों का द्रव्यमान कम हो सकता है। इससे मतली आ सकती है। इसका मतलब यह भी है कि इससे अंतरिक्ष यात्रियों को पर्याप्त मात्रा में भोजन करने में भी परेशानी हो सकती है। अंतरिक्ष यान में आहार में परिवर्तनआंतों के माइक्रोबायम को बाधित कर सकता है, जिससे भविष्य में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

बोलोग्ना यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सिल्विया तुरोनी ने कहा, माइक्रोबायोम में परिवर्तन से माइक्रोब्स और शरीर के बीच संतुलन और जटिल संबंध के टूटने की संभावना है। इससे शरीर की प्रणालियों की कार्यक्षमता पर गंभीर रूप से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यदि अंतरिक्ष यात्रा के दौरान इनका विशेष ध्यान रखा जाए तो यात्रा सुगम हो सकती है।


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