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ब्रिटेन में दुकानों में हो रही जरूरी चीजों की कमी, कोरोना महामारी और ब्रेक्जिट ने बिगाड़े हालात

कोरोना महामारी और ब्रेक्जिट के कारण ब्रिटेन के दुकानों में जरूरी सामानों की किल्लत हो गई है। यहां नए नियमों की वजह से ढुलाई कंपनियों के लिए ईयू नागरिकों को काम पर रखना मुश्किल हो गया है इसकी वजह से देश में लारी ड्राइवरों की जबर्दस्त कमी हो गई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 01:11 AM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 01:16 AM (IST)
ब्रिटेन में दुकानों में हो रही जरूरी चीजों की कमी, कोरोना महामारी और ब्रेक्जिट ने बिगाड़े हालात
ब्रिटेन में दुकानों में हो रही जरूरी चीजों की कमी, कोरोना महामारी और ब्रेक्जिट ने बिगाड़े हालात

लंदन, एएफपी। ब्रिटेन की राजधानी लंदन (London) समेत देश के कई इलाकों के दुकानों और सुपर स्टोरों (Grocery Shops) में जरूरी चीजों की कमी होती जा रही है। इसमें दूध और पानी जैसी चीजें भी शामिल हैं। इसका कारण कोरोना महामारी की वजह से प्रभावित हुई आपूर्ति श्रृंखला के साथ-साथ यूरोपीय संघ (EU) से ब्रिटेन के अलग होने (ब्रेक्जिट) को माना जा रहा है। यहां के खाली पड़े सुपरमार्केट में कमियों को पूरा करने की जुगत में लगे रेस्तरां और खाद्य उत्पाद निर्माताओं ने जेलों में बंद कैदियों को काम के लिए भर्ती करने की मंशा जाहिर की है।

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नए नियमों के कारण लारी ड्राइवरों की कमी

दरअसल, नए नियमों की वजह से ढुलाई कंपनियों के लिए ईयू नागरिकों को काम पर रखना मुश्किल हो गया है, इसकी वजह से देश में लारी ड्राइवरों की जबर्दस्त कमी हो गई है। इसके अलावा लाकडाउन के दौरान जो लोग स्वदेश लौट गए थे, वे भी ब्रिटेन नहीं लौटे हैं। अनुमान के मुताबिक, ब्रिटेन में इस समय करीब एक लाख लारी ड्राइवरों की कमी है। कंफेडरेशन आफ ब्रिटिश इंडस्ट्री ने एक रिपोर्ट में सड़क ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के हवाले से बताया है कि छोड़कर जा चुके हैवी गुड्स व्हीकल (एचजीवी) ड्राइवरों के स्थान पर नए ड्राइवरों को प्रशिक्षित करने में कम से कम 18 महीने का समय लगेगा।

महंगाई बढ़ने का अंदेशा

कंफेडरेशन आफ ब्रिटिश इंडस्ट्री ने सरकार से इमीग्रेशन पर लचीला रुख अपनाने और कुशल लारी ड्राइवरों को उन पेशों की सूची में शामिल करने का अनुरोध किया है जिनमें श्रमिकों की कमी है। सड़क ट्रांसपोर्ट कंपनियां हालात से निपटने के लिए ड्राइवरों को अपने पास बनाए रखने के लिए ज्यादा मेहनताना और बोनस देने का प्रस्ताव कर रही हैं, लेकिन उनके इस कदम से महंगाई बढ़ने का अंदेशा जताया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो क्रिसमस पर स्थिति और विकट हो जाएगी।


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