नए मैटीरियल से तैयार स्मार्टफोन की बैटरी तेजी से हो सकेगी चार्ज
शोधकर्ताओं ने देखा कि लीथियम आयन्स को इनके भीतर से गुजारने पर परंपरागत इलेक्ट्रोड मैटीरियल की तुलना में बैटरी तेजी से चार्ज होने लगती है।
लंदन [प्रेट्र]। वैज्ञानिकों ने मैटीरियल के एक ऐसे नए वर्ग की पहचान कर ली है, जिससे तैयार स्मार्टफोन की बैटरी तेजी से चार्ज हो सकेंगी। इसके अलावा इनका प्रयोग भावी पीढ़ी के उपकरणों में भी किया जा सकेगा। ब्रिटेन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के शोधकर्ताओं ने बैटरी बनाने के लिए जटिल क्रिस्टल संरचना वाले निओबियम टंगस्टन ऑक्साइड नामक मैटीरियल का प्रयोग किया। उन्होंने देखा कि लीथियम आयन्स को इनके भीतर से गुजारने पर परंपरागत इलेक्ट्रोड मैटीरियल की तुलना में बैटरी तेजी से चार्ज होने लगती है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, हालांकि निओबियम टंगस्टन ऑक्साइड नामक यह मैटीरियल सामान्य साइकिलिंग दर में प्रयोग करने पर उच्च ऊर्जा घनत्व का परिणाम नहीं देता है। इसके लिए उन्होंने अपने एक एप्लीकेशन का प्रयोग किया जिससे बैटरी की चार्जिंग तेजी से की जा सके।
नए मैटीरियल से मिली मदद
शोधकर्ता बताते हैं कि इस प्रक्रिया में प्रयोग किए जाने वाले निओबियम टंगस्टन ऑक्साइड में एक कठोर, खुली संरचना होती है। इसके चलते इसमें घुसे लीथियम आयन फंसते नहीं हैं। इसी के चलते अन्य इलेक्ट्रोड मैटीरियल की तुलना में इनमें से बड़े आकार के कण गुजारे जा सकते हैं। ग्रिफिथ कहते हैं, ज्यादातर बैटरी मैटीरियल दो या तीन क्रिस्टल संरचना पर आधारित होते हैं, लेकिन निओबियम टंगस्टन ऑक्साइड आधारभूत रूप से अलग है। इसके प्रयोग से ऐसी बैटरी तैयार की जा सकेंगी, जो भावी गैजेट्स को आसानी से चला सकेंगी।
जांच में पूरी तरह से सुरक्षित
नेचर नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, इन मैटीरियल की भौतिक संरचना और रासायनिक व्यवहार की जांच करने पर शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि इनसे तैयार सुपर फास्ट चार्जिंग बैटरी पूरी तरह से सुरक्षित होंगी। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के रसायन विभाग में शोधकर्ता केंट ग्रिफिथ कहते हैं, हम हमेशा ऐसे मैटीरियल तलाशने में प्रयासरत रहते हैं, जिनसे तैयार बैटरी जल्दी चार्ज हो सकें। इसी क्रम में हमने नए मैटीरियल की तलाश की है।
किस तरह चार्ज होती है बैटरी
अपने सबसे सरल रूप में बैटरी तीन घटकों से तैयार होती है। पहला पॉजीटिव इलेक्ट्रोड, दूसरा निगेटिव इलेक्ट्रोड और तीसरा इलेक्ट्रोलाइट। जब बैटरी चार्ज हो रही होती है तब लीथियम आयनों को पॉजिटिव इलेक्ट्रोड से निकाला जाता है और क्रिस्टल संरचना और इलेक्ट्रोलाइट को निगेटिव इलेक्ट्रोड में स्थानांतरित किया जाता है, जहां वे एकत्र होते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस प्रक्रिया की गति में इजाफा करने पर बैटरी तेजी से चार्ज होने लगती है।