ईयू ने ब्रिटेन से की खास व्यापार समझौते की पेशकश, गलत तरीके के मुकाबले पर दी चेतावनी
EU Britain trade deal यूरोपीय यूनियन (European Union) ने ब्रिटेन से खास व्यापार समझौते की पेशकश की है लेकिन मछली के कारोबार को लेकर कड़ी शर्ते रखी हैं।
ब्रसेल्स, एएफपी। यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने ब्रिटेन से खास व्यापार समझौते की पेशकश की है लेकिन मछली के कारोबार को लेकर कड़ी शर्ते रखी हैं। ईयू ने कारोबार के लिए समान स्थितियां रहने की भी अपेक्षा जताई है। ब्रिटेन के साथ संबंधों के लिए मुख्य वार्ताकार मिशेल बर्नियर ने कहा, हम शून्य कराधान पर ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौता करने को तैयार हैं। लेकिन हम किसी तरह का गलत तरीके का व्यापारिक मुकाबला बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वहीं यूरोपीय कमीशन की राष्ट्रपति उर्सला वॉन डियर लिएन ने कहा है कि ब्रेक्जिट के लिए पूर्व में हुए समझौते के मुताबिक ही कार्य किया जाएगा। कोई भी हैरान करने वाला फैसला नहीं होगा। ईयू ने ब्रिटेन के लिए भविष्य के मानदंड तय कर रखे हैं। यही दोनों पक्षों की होने वाली बातचीत का प्रमुख आधार होंगे। लिएन ने यह भी स्पष्ट किया कि ईयू के बाजार में ब्रिटेन के लिए बिना शर्त के प्रवेश संभव नहीं होगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बाजार है। इसका अपना महत्व है। बिना कोई कर चुकाए इसमें आना संभव नहीं होगा।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सोमवार के बाद ब्रिटेन की बातचीत के लिए स्थितियां तय होने की बात कह चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब ब्रिटेन मुक्त व्यापार के लिए विश्व का सिरमौर होगा। बर्नियर ने कहा, ईयू और ब्रिटेन के बीच समुद्र से मछली पकड़ने का धंधा सबसे प्रमुख और बंटा हुआ काम है। अब ब्रिटेन के मछुआरों के लिए ईयू की समुद्री सीमा में आने पर रोक होगी। मछली के निर्यात को लेकर ईयू और ब्रिटेन के बीच भी शर्ते तय होंगी। साफ-सुथरे व्यापार के लिए हम लंबे समय का समझौता चाहते हैं। जिससे गलत तरीके का मुकाबला नहीं चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन 31 जनवरी को 27 देशों के समूह से अलग हुआ है। हालांकि, यूरोपीय यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने की पूरी प्रक्रिया में एक साल लग जाएंगे। प्रक्रिया पूरी करने के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त निर्धारित किया गया है। वर्ष 2016 में 28 देशों के इस समूह से अलग होने के लिए ब्रेक्जिट पर जनमत संग्रह कराया गया था। जनमत संग्रह पर जनता की मुहर के बावजूद ब्रिटेन को European Union से अलग होने में करीब 43 महीने का वक्त लग गया। संसद के गतिरोध के कारण तीन बार ब्रेक्जिट की समय सीमा बढ़ाई गई थी।