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व्यापार समझौते के लिए ईयू ने ब्रिटेन पर डाली जिम्मेदारी

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा हम व्यापार समझौता चाहते हैं लेकिन हर कीमत पर नहीं। यह पारदर्शी और साफ-सुथरा समझौता होना चाहिए जिसमें दोनों पक्षों के हितों के लिए स्थान हो।क्योंकि दोनों पक्षों में अगर व्यापार समझौता नहीं हो पाया तो सालाना एक ट्रिलियन यूरोका नुकसान होगा।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 07:36 AM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 07:36 AM (IST)
व्यापार समझौते के लिए ईयू ने ब्रिटेन पर डाली जिम्मेदारी
प्रस्तावित समझौते में दोनों पक्षों के हितों का रखा जाए ध्यान।

ब्रसेल्स, रायटर। यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने व्यापार समझौते का जिम्मा अब ब्रिटेन पर डाल दिया है। कहा है कि ब्रिटेन देखे कि उसे दोनों पक्षों के हितों का ध्यान रखते हुए कैसे आगे बढ़ना है। क्योंकि दोनों पक्षों में अगर व्यापार समझौता नहीं हो पाया तो सालाना एक ट्रिलियन यूरो (86 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान होगा। फेस मास्क लगाकर और शारीरिक दूरी बनाकर यूरोपीय यूनियन के 27 सदस्य देशों के नेताओं का सम्मेलन गुरुवार को ब्रसेल्स में शुरू हुआ। नेताओं ने व्यापार समझौते के लिए ब्रिटेन के साथ पर्याप्त चर्चा पर जोर दिया।

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जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा, हम व्यापार समझौता चाहते हैं लेकिन हर कीमत पर नहीं। यह पारदर्शी और साफ-सुथरा समझौता होना चाहिए जिसमें दोनों पक्षों के हितों के लिए स्थान हो। इसके लिए हर संभव प्रयास होने चाहिए। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, ब्रेक्जिट (ब्रिटेन के ईयू से अलगाव) के चलते हम अपने मछुआरों के हितों का बलिदान नहीं होने देंगे। अगर बातचीत के जरिये हम सही नतीजे पर नहीं पहुंच पाए तो ब्रिटेन के साथ भविष्य में किसी तरह का समझौता न रखने के लिए तैयार हैं। 

आयरलैंड के प्रधानमंत्री माइकेल मार्टिन ने कहा, समयसीमा के भीतर वार्ता प्रक्रिया पूरी कर ब्रिटेन को ईयू के साथ समझौता कर लेना चाहिए क्योंकि कोविड त्रासदी को देखते हुए यह समझौता अब और जरूरी हो गया है। बाकी ईयू नेताओं ने भी ब्रिटेन से मांग की कि वह व्यापार समझौते के लिए राह सुगम बनाने के वास्ते आवश्यक कदम उठाए। विदित हो कि समुद्र में मछली पकड़ने का अधिकार ईयू और ब्रिटेन के बीच गतिरोध की मुख्य वजहों में से एक है। ब्रिटेन चाहता है कि उसकी समुद्री सीमा में अन्य देश का मछुआरा नहीं आए जबकि ईयू समुद्र में सभी का आवागमन बनाए रखना चाहता है। इसलिए यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने व्यापार समझौते का जिम्मा अब ब्रिटेन पर डाल दिया है।


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