बच्चों को शुरुआती महीनों में फूड एलर्जी से बचा सकती है अंडा-मूंगफली
किंग्स कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने किया दावा कहा- शिशुओं को शुरुआती महीनों में अंडा-मूंगफली खिलाने से हो सकता है लाभ।
लंदन, आइएएनएस। भोजन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इससे हमें पोषण तो मिलता ही है। साथ ही हमारा इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है। लेकिन कभी-कभी देखा जाता है कि किसी भोजन के कारण शरीर में तमाम तरीके की परेशानियां होने लगती हैं। सामान्यत: इसे ही फूड एलर्जी कहा जाता है। कई बार किसी खाद्य पदार्थ को पंसद न करना भी फूड एलर्जी का कारण बनता है और हम बहुत परेशान हो जाते हैं। इस समस्या से पार पाने के लिए शोधकर्ताओं ने अध्ययन में एक नया सुझाव दिया है। उनका कहना है कि यदि बच्चे को शुरुआती महीनों में ही मूंगफली और अंडे का सेवन कराया जाए तो बाद के वर्षों में होने वाली फूड एलर्जी की समस्या से बहुत हद तक बचा जा सकता है।
हालांकि, ब्रिटेन के वर्तमान स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के अनुसार, शिशुओं को छह महीने तक स्तनपान कराने के अलावा कुछ भी नहीं खिलाया जाना चाहिए। उसके बाद ही शिशुओं को खाद्य पदार्थ दिए जा सकते हैं। एलर्जी एंड क्लीनिक इन्यूनोलॉजी नामक जर्नल में बताया गया है कि ऐसे खाद्य पदार्थ जिनसे एलर्जी हो सकती है, यदि शुरुआती महीनों में ही शिशुओं को उनका सेवन कराया जाए तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि भविष्य में वे फूड एलर्जी का शिकार नहीं होंगे। शोधकर्ताओं शिशुओं को मूंगफली और अंडे खिलाकर यह दावा किया है। बता दें कि इन दोनों खाद्यों से भी एलर्जी की संभावना रहती है।
किंग्स कॉलेज ऑफ लंदन के प्रोफेसर और इस अध्ययन के शोधकर्ता गीडन लैक ने कहा, ‘शोध परिणामों के उम्मीद के मुताबिक हैं और यह अध्ययन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शिशुओं के लिए आहार संबंधी दिशानिर्देशों को नए सिरे से तय करने की सिफारिश करता है।’ उन्होंने कहा एलर्जी की संभावना वाले खाद्य पदार्थों को इन सिफारिशों का हिस्सा बनाने के लिए हमारे पास पर्याप्त सुबूत भी हैं। हालांकि, यदि दिशानिर्देशों में बदलाव लाना हो तो हमें लोगों के समर्थन की भी जरूरत होगी।
ऐसे किया अध्ययन
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इंग्लैंड और वेल्स के तीन माह के 1300 शिशुओं को शामिल कर उन्हें दो समूहों में बांटा। एक समूह के शिशुओं को स्तनपान के साथ-साथ मूंगफली और अंडा खिलाने को दिया गया, जबकि दूसरे समूह के बच्चों को अगले छह माह तक केवल स्तनपान कराया गया। इस अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि जिस समूह के बच्चों ने केवल स्तनपान किया था, उनमें 34.2 फीसद फूड एलर्जी का शिकार थे। वहीं दूसरी ओर जिस समूह के बच्चों ने स्तनपान के सा-साथ मूंगफली और अंडे का सेवन किया था उनमें 19.2 फीसद बच्चे फूड एलर्जी से ग्रस्त थे।