कोविड-19 के कारण मानसिक अवसाद व तनाव में ICU के स्टाफ, आत्महत्या तक पहुंच गया है मामला
महामारी कोविड-19 से दुनिया भर में संघर्ष जारी है। इस क्रम में शोधकर्ताओं का अध्ययन जारी है इस बीच अस्पतालों में काम कर रहे नर्स और डॉक्टरों पर किए गए अध्ययन से पता चला है कि ये स्टाफ गहरे अवसाद में हैं।
लंदन, रॉयटर्स। इंग्लैंड में कोविड-19 महामारी के दौरान आइसीयू में कार्यरत करीब आधे स्टाफ को इन दिनों मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है। वे डिप्रेशन में इस कदर चले गए हैं कि उन्हें मौत का विकल्प बेहतर दिख रहा है। यह अध्ययन बुधवार को प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के अनुसार अस्पतालों में काम करने वाले नर्स और डॉक्टरों में पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) के मामले भी देखे गए हैं। यह एक प्रकार का है चिंता विकार जिससे पीड़ित लोगों ने काफी तनावपूर्ण और दर्दनाक घटना का सामना किया है और इससे निकलना उनके लिए काफी कठिन है और वे अपने विचारों और या सपनों के माध्यम से लगातार महसूस करते हैं। तनाव के ये लक्षण इतने गंभीर हैं कि डॉक्टर व नर्स खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं यहां तक कि इनमें आत्महत्या की प्रवृत्ति देखी गई है।
यह अध्ययन जर्नल अकुपेशनल हेल्थ में प्रकाशित हुई थी। इसके लिए जून माह में अध्ययन की गई। इसके अनुसार, इंग्लैंड केे 9 आइसीयू में काम करने वाले 700 से अधिक हेल्थकेयर वर्करों में से 45 फीसद में मानसिक तनाव देशा गया। इनमें 4 में से एक गंभीर तनाव केे हालात से गुजर रहे हैं 6 फीसद डिप्रेशन, 40 फीसद PTSD, गंभीर बेचैनी के हालात वाले 11 फीसद पाए गए।
तनाव इतना अधिक है कि डॉक्टरों में अल्कोहल और सिगरेट पीने की समस्याएं भी बढ़ रही है। आईसीयू में दिन रात खट रहे डॉक्टर में ये तनाव अधिक है। कई हेल्थवर्कर ऐसे हैं जो पिछले छह महीने से अपने घर भी नहीं गए हैं।
ब्रिटेन में 81 हजार से अधिक लोगों की कोविड-19 के कारण मौत हो चुकी है। दुनिया भर में कोविड-19 संक्रमण के चपेट में आए देशों में ब्रिटेन पांचवें स्थान पर है। यहां 30 लाख से अधिक लोग कोविड टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। सरकार ने कहा है कि यहां के अस्प्तालों व आइसीयू में संक्रमित मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी है। आइसीयू के स्टाफ दिन-रात संक्रमितों के दर्द और पीड़ा के साथ हो रही मौतों का सामना कर रहे हैं।