ब्रिटेन में ब्रेक्जिट पर संकट, मुश्किल में टेरीजा सरकार, संसद में प्रस्ताव गिरने के आसार
विदेश मंत्री जर्मी हंट ने साफ कहा है कि संसद ने अगर सरकार के मसौदे को अस्वीकार किया तो ब्रेक्जिट की प्रक्रिया उलटी दिशा में चल सकती है।
लंदन, रायटर। ब्रिटेन में ब्रेक्जिट (यूरोपीय यूनियन से अलगाव) संकट में है। मंगलवार को ब्रेक्जिट के मसौदे को संसद में सरकार यदि पारित नहीं करा पाएगी तो यह प्रक्रिया अनिश्चितकाल के लिए लटक सकती है। इस बाबत सरकार का प्रस्ताव 15 जनवरी को भी संसद में गिर चुका है। फिलहाल यूरोपीय यूनियन (ईयू) से ब्रिटेन की अलगाव की तारीख 29 मार्च तय है। ईयू 28 देशों का शक्तिशाली समूह है जिसमें फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देश आर्थिक और राजनीतिक रूप से जुडे़ हुए हैं।
रविवार को संसद में सांसदों के दो धड़ों ने ब्रेक्जिट प्रस्ताव पर अपनी मंशा स्पष्ट करते हुए उसका समर्थन न करने का संकेत दिया। इसके बाद ब्रेक्जिट पर संसद में टेरीजा मे सरकार की फिर से करारी हार के हालात बन गए हैं।
विदेश मंत्री जर्मी हंट ने साफ कहा है कि संसद ने अगर सरकार के मसौदे को अस्वीकार किया तो ब्रेक्जिट की प्रक्रिया उलटी दिशा में चल सकती है। इसका मतलब है कि ब्रिटेन ईयू में बना रहेगा। एक विकल्प यह भी है कि बिना किसी समझौते के ब्रिटेन 29 मार्च को ईयू छोड़ने का एकतरफा एलान कर दे, लेकिन यह विकल्प ब्रिटेन के लिए आर्थिक तौर पर घाटा खाने वाला होगा।
एक विकल्प ब्रेक्जिट पर दोबारा जनमत संग्रह का भी हो सकता है। भविष्य में क्या होगा, यह स्पष्ट नहीं है। ज्यादातर राजनयिकों और निवेशकों का मानना है कि ब्रेक्जिट ब्रिटेन का भविष्य तय करेगा। इसका असर आने वाली पीढि़यां महसूस करेंगी।
टेरीजा सरकार का समर्थन कर रही डेमोक्रेटिक यूनियनलिस्ट पार्टी ने हालात को जटिल बताया है। सनडे टाइम्स ने कुछ राजनीतिज्ञों के हवाले से यहां तक लिख दिया है कि टेरीजा की कुर्सी को खतरा पैदा हो गया है। ब्रेक्जिट पर हुई सरकार की हार टेरीजा को प्रधानमंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर कर सकती है।