COVID-19: ब्रिटेन में कोरोना वायरस से 420 से ज्यादा भारतवंशियों की मौत
ब्रिटेन के अल्पसंख्यक समुदायों में भारतवंशी ही इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित बताए जा रहे हैं। अब तक 420 से ज्यादा भारतीय मूल के लोग दम तोड़ चुके हैं।
लंदन, प्रेट्र। कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित ब्रिटेन में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग भी इस खतरनाक वायरस की चपेट में आए हैं। ब्रिटेन के अल्पसंख्यक समुदायों में भारतवंशी ही इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित बताए जा रहे हैं। अब तक 420 से ज्यादा भारतीय मूल के लोग दम तोड़ चुके हैं।
नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) इंग्लैंड के आंकड़ों के अनुसार, देशभर के अस्पतालों में 17 अप्रैल तक जिन 13 हजार 918 पीडि़तों की मौत हुई थी, उनमें तीन फीसद भारतीय मूल के थे। जबकि 2.9 फीसद कैरेबियाई और 2.1 फीसद पाकिस्तानी थे। एनएचएस के ये आंकड़े पिछले हफ्ते ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने जारी किए थे। उन्होंने तब कहा था, 'एनएचएस के आंकड़ों से जाहिर होता है कि मरने वालों में अल्पसंख्यक पृष्ठभूमि के लोगों की संख्या ज्यादा है। यकीनन यह मेरे लिए चिंता की बात है।' ब्रिटेन में हालांकि कोरोना से जान गंवाने वालों में 73.6 फीसद श्वेत हैं। ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन के डॉ चांद नागपाल ने कहा, 'सरकार को सभी वर्गो की आबादी की सुरक्षा के लिए समान रूप से हर जरूरी कदम उठाने चाहिए।'
एक सिख डॉक्टर की भी गई जान
कोरोना से मरने वालों में डॉ मंजीत सिंह रियात समेत एनएचएस के 69 कर्मी भी शामिल हैं। डॉ मंजीत ब्रिटेन के पहले सिख इमरजेंसी मेडिसिन कंसल्टेंट थे। उनकी इसी हफ्ते कोरोना से मौत हुई थी।
चरम पर पहुंची महामारी
समाचार एजेंसी आइएएनएस में स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक के हवाले से कहा गया है कि ब्रिटेन में कोरोना महामारी इस समय अपने चरम पर है। उन्होंने आगाह किया कि पाबंदियों को हटाना अभी बहुत जल्दबाजी होगी। हैंकॉक ने बुधवार को संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कामंस के पहले वर्चुअल सेशन में यह जानकारी दी। ब्रिटिश संसद महामारी के चलते गत 25 मार्च से निलंबित थी। ब्रिटेन में कोरोना अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है।