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COVID-19 से होती हैं न्यूरो संबंधी समस्याएं, सबसे ज्यादा देखी गई स्ट्रोक और भ्रम की समस्या

शोधकर्ताओं ने अस्पतालों में बेहद गंभीर हालत में भर्ती कोरोना संक्रमण के 153 मरीजों का अध्ययन किया। इन मरीजों में सबसे आम दिमागी लक्षण स्ट्रोक पाया गया।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 09:31 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 09:32 AM (IST)
COVID-19 से होती हैं न्यूरो संबंधी समस्याएं, सबसे ज्यादा देखी गई स्ट्रोक और भ्रम की समस्या
COVID-19 से होती हैं न्यूरो संबंधी समस्याएं, सबसे ज्यादा देखी गई स्ट्रोक और भ्रम की समस्या

लंदन, प्रेट्र। चीन की फैलाई वैश्विक महामारी कोविड-19 के मरीजों की न्यूरो संबंधी (न्यूरोलॉजिकल) समस्याओं का विस्तृत खाका वैज्ञानिकों ने तैयार कर लिया है। इससे इस रोग के लक्षणों की प्रणाली समझ आएगी और यह बात इस घातक वायरस के इलाज में भी मदद मिलेगी। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल समेत कई शोधकर्ताओं ने अस्पतालों में बेहद गंभीर हालत में भर्ती कोरोना संक्रमण के 153 मरीजों का अध्ययन किया। इन मरीजों में सबसे आम दिमागी लक्षण स्ट्रोक पाया गया।

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द लैंसट साइकाइट्री जर्नल में प्रकाशित शोध में मुख्य शोधकर्ता बेनाडिक्ट ने इस महामारी से संबद्ध स्नायु तंत्र संबंधी विकारों और मनोवैज्ञानिक जटिलताओं का विस्तार से जिक्र है। ऐसी रिपोर्ट आती रही हैं कि कोविड-19 के संक्रमण के साथ ही न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी परेशानियां नजर आती हैं। इसमें भी सबसे ज्यादा स्ट्रोक के मरीज हैं। 125 मरीजों में से 77 को स्ट्रोक हुई था। इनमें से भी 57 मरीजों को स्ट्रोक के कारण दिमाग में खून के थक्के जम गए थे। इसे इस्शैमिक स्ट्रोक कहते हैं। इनमें से भी नौ मरीजों को स्ट्रोक ब्रेन हैमरेज के कारण हुआ था।

बुजुर्गों में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा : शोधकर्ताओं ने कहा कि स्ट्रोक का अनुभव करने वाले रोगियों में अधिकांश की आयु 60 वर्ष से अधिक थी। 39 रोगियों में बदली हुई मानसिक स्थिति या भ्रम की समस्याएं देखने को मिलीं। इसके अलावा नौ रोगियों में मस्तिष्क की शिथिलता थी, जिसे इन्सेफैलोपैथी के रूप में जाना जाता है और सात लोगों को मस्तिष्क की सूजन थी, जिसे चिकित्सा की भाषा में इन्सेफलाइटिस कहा जाता है।

और अध्ययन की है जरूरत : वैज्ञानिकों के अनुसार, कोविड-19 रोगियों के कुल अनुपात के बारे में अध्ययन के आधार पर निष्कर्ष निकालना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण और युवा रोगियों में न्यूरोलॉजिकल जटिलताओं की शुरुआत के बीच कोई संबंध होने की पुष्टि करने के लिए अभी विस्तृत दीर्घकालिक अध्ययन की आवश्यकता है।


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