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जानिए बांग्लादेश की पेट से जुड़ी बहनों की दिलचस्प कहानी, मिसाल बनकर आज भी हैं जिंदा

डॉक्टरों ने बताया कि ऐसे मामलों में 10 लाख में से महज एकाध चांस ही होता है कि दोनों बच्चे अलग होने के बाद जीवित बचें।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 04:41 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 09:57 PM (IST)
जानिए बांग्लादेश की पेट से जुड़ी बहनों की दिलचस्प कहानी, मिसाल बनकर आज भी हैं जिंदा
जानिए बांग्लादेश की पेट से जुड़ी बहनों की दिलचस्प कहानी, मिसाल बनकर आज भी हैं जिंदा

लंदन, एजेंसी। बांग्लादेश की ज़ैनब और जन्नत रहमान दोनों जुड़वां बहनें पेट से जुड़ी हुई पैदा हुईं थी। दोनों पेट की तरफ से एक दूसरे से जुड़े हुए थे। इनके इस तरह से जुड़े होने के कारण दोनों एक ही लिवर पर आश्रित थीं। जिसके चलते दोनों को अलग कर पाना बहुत मुश्किल था लेकिन भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर्स ने ये करिश्मा भी कर दिखाया महज डेढ़ माह की उम्र में ही दोनों को ऑपरेशन कर एक दूसरे से अलग कर दिया वो भी बिलकुल सुरक्षित।

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डॉक्टरों ने बताया कि ऐसे मामलों में 10 लाख में से महज एकाध चांस ही होता है कि दोनों बच्चे अलग होने के बाद जीवित बचें। इसे कुदरत का करिश्मा ही कहेंगे कि ऐसे जटिल ऑपरेशन के बावजूद दोनों बच्चियों का न सिर्फ सफलता पूर्वक ऑपरेशन कर लिया गया था बल्कि उन दोनों ने मंगलवार को अपना 16वां जन्मदिन भी मनाया। ऑपरेशन के बाद भी रहमान बहनों के शारीरिक रूप में कोई कमी नहीं आई डॉक्टरों ने बहुत कुशलतापूर्वक इस ऑपरेशन को आसानी से किया जिससे दोनों बहनें आज भी सामान्य जीवन जी रही हैं।

          

जैनब के 42 वर्षीय पिता लूथर अपनी बेटी के बारे में बताते हुए कहते हैं कि, ‘पैदा होने के बाद दोनों बहनें एक दूसरे से अलग होने के लिए लगातार कोशिश करती थी, जब वो दोनों छोटी थीं तब वो एक कमरे में बैठती थीं और एक दूसरे को देखकर मुस्कुराती रहती थी मानों वो दोनों ये समझ रहीं हों कि दोनों के बीच हमेशा से बहुत गहरा संबंध रहा हो।’

            

वहीं उनकी 36 वर्षीय मां निपा ने कहा कि, ‘मुझे अपनी दोनों लड़कियों को देखकर गर्व होता है पहले मुझे डर था कि ये कभी भी 16 साल तक जीवित नहीं रह पाएंगी।’ ज़ैनब और जन्नत का जन्म साल 2002 में पूर्वी लंदन के होमर्टन अस्पताल में हुआ था, जन्म के समय उनका वजन महज जिसका वजन 6 पाउंड था। दोनों बहनें एक ही लिवर पर आश्रित थीं यह शरीर का एक ऐसा अंग है जिसे मानव शरीर दोबारा उत्पन्न नहीं कर सकता है।


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