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ब्रिटेन में ब्रेक्जिट करार पर असमंजस बरकरार, सांसदों की छुट्टियां रद

ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने बीबीसी से कहा कि अगर ब्रेक्जिट करार पर बातचीत लंबी खींचती है तो अलगाव में देरी हो सकती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 01:02 AM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 01:02 AM (IST)
ब्रिटेन में ब्रेक्जिट करार पर असमंजस बरकरार, सांसदों की छुट्टियां रद
ब्रिटेन में ब्रेक्जिट करार पर असमंजस बरकरार, सांसदों की छुट्टियां रद

लंदन, एएफपी। यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने की प्रक्रिया ब्रेक्जिट करार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अलगाव की आखिरी तारीख नजदीक आती जा रही है और ब्रेक्जिट करार पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे सरकार और विपक्षी दलों के बीच कोई सहमति बनती नजर नहीं आ रही है। ब्रेक्जिट को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने गुरुवार को सांसदों की फरवरी की छुट्टियों को रद करने की भी घोषणा की।

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ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस की नेता एंड्रिया लीड्सम ने गुरुवार को सांसदों से पूरे फरवरी काम करने के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने कहा कि हम दबाव में हैं, लेकिन सबकुछ नियंत्रण में है। हमें जो चाहिए उसे 29 मार्च से पहले हासिल कर लेंगे। पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि निचले सदन में 15 से 24 फरवरी तक अवकाश रहेगा।

यूरोपीय संघ में 46 साल रहने के बाद ब्रिटेन उससे अलग हो रहा है। 29 मार्च अलगाव की आखिरी तारीख है। लेकिन अलगाव के बाद यूरोपीय संघ के साथ ब्रिटेन के व्यापारिक संबंधों को लेकर अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। 2016 में कराए गए जनमत संग्रह में ब्रिटेन के लोगों ने अलगाव का समर्थन किया था। तब से पीएम मे ने यूरोपी संघ के नेताओं के साथ कई दौर की बातचीत के बाद ब्रेक्जिट करार तैयार किया था। लेकिन ब्रिटिश संसद ने अपने ऐतिहासिक फैसले में उसे खारिज कर दिया था। तब से मे और सांसदों के बीच कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई है।

पीएम मे ने यूरोपीय संघ से भी कुछ और सहूलियत लेने की कोशिश की, लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा हाथ लगी। यूरोपीय संघ अब ब्रेक्जिट करार पर किसी तरह की वार्ता के लिए तैयार नहीं है। सबसे ज्यादा पेंच अलगाव के बाद उत्तरी आयरलैंड की सीमा को खोले रखने को लेकर है। करार के मुताबिक दो साल तक सीमा को खुला रखना है। ब्रेक्जिट करार के विरोधियों का कहना है कि अगर यह करार अमल में आता है तो ब्रिटेन यूरोपीय संघ का उपनिवेश बनकर रह जाएगा।

दूसरी ओर, ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने बीबीसी से कहा कि अगर ब्रेक्जिट करार पर बातचीत लंबी खींचती है तो अलगाव में देरी हो सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि समय से पहले सबकुछ ठीक कर लेने की कोशिश हो रही है। लेकिन, यूरोपीय संघ ने पहले ही कह दिया है कि ब्रेक्जिट की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता।

दूसरी ओर, ब्रिटेन के एक प्रभावशाली थिंक टैंक ने सरकार को चेताया है कि अगर बिना किसी समझौते के ब्रिटेन यूरोपीय संघ से अलग होता है तो उसके बहुत गंभीर नतीजे होंगे। इसके लिए सिर्फ सरकार को ही तैयार नहीं रहना होगा, उद्यमियों और आम लोगों को भी यह जानना होगा कि उन पर इसका क्या असर पड़ेगा। वहीं, कार निर्माता कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ मोटर मैन्यूफैक्चरिंग ने कहा है कि बिना समझौते के अलग होने से देश का दो तिहाई वाहन कारोबार खतरे में पड़ जाएगा।


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