आठ साल की उम्र में सांता पर यकीन करना छोड़ देते हैं बच्चे
शोधकर्ताओं का कहना है कि सांता की कहानी झूठी निकलने पर बच्चे उदास हो जाते हैं। 15 फीसद को लगता है कि उनके मां-बाप ने उन्हें धोखा दिया है। जबकि दस फीसद बच्चे नाराज हो जाते हैं।
लंदन, प्रेट्र । शुरुआती दिनों में जिस सांता क्लॉज को सच मानते हुए बच्चे क्रिसमस के दिन उनसे उपहार का इंतजार करते हैं, उम्र बढ़ने के साथ वह उस पर विश्वास करना छोड़ देते हैं। एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में दावा किया गया है कि करीब आठ साल की उम्र में बच्चे सांता को सच मानना बंद कर देते हैं। लेकिन, यह जानते हुए भी कि सांता क्लॉज काल्पनिक है, 34 फीसद वयस्क उस पर यकीन करना चाहते हैं।
दुनियाभर के 1,200 लोगों पर किए सर्वे के बाद ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के शोधकर्ताओं का कहना है कि सांता की कहानी झूठी निकलने पर बच्चे उदास हो जाते हैं। 15 फीसद को लगता है कि उनके मां-बाप ने उन्हें धोखा दिया है। जबकि दस फीसद बच्चे नाराज हो जाते हैं।
शोध में यह भी सामने आया कि 72 फीसद मां-बाप को अपने बच्चों को सांता की कहानी सुनाने और सांता में उनके भरोसे को बनाए रखना अच्छा लगता है। 31 फीसद परिवारों ने यह भी कहा कि बच्चों के पूछने पर वह सांता के हकीकत में नहीं होने की बात उन्हें बता देते हैं। शोधकर्ता प्रोफेसर क्रिस बॉयल कहते हैं, 'सांता के बारे में हकीकत पता लगने पर कुछ बच्चे तो मां-बाप पर ही विश्वास करना छोड़ देते हैं। इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।'