क्या नकदी के हाथ में लेने से भी हो सकता है कोरोना का संक्रमण, जानिए क्या कहती है यह रिसर्च
एक कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को खांसी हुई या किसी नोट पर छींक हुई। शोधकर्ताओं ने पाया कि सतह पर कोरोना के वायरस का स्तर एक घंटे के बाद कम हो गया और छह घंटे के बाद यह घटकर सिर्फ पांच फीसद या उससे भी कम हो गया।
लंदन, एजेंसियां। क्या कोरोना का संक्रमण नोट यानी नकदी (कैश) के माध्यम से भी फैलता है। देश व दुनिया में ऐसे करोड़ों लोग हैं जिनके मन में यही शंका रहती है कि हाथ में नोट (कैश) पकड़ने से या किसी दूसरे से रुपये लेने से उन्हें कोरोना हो सकता है। लोगों की इसी शंका को दूर करने के लिए एक अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन को ब्लूमबर्ग ने प्रकाशित किया है। ब्लूमबर्ग की इस रिपोर्ट की माने तो बैंक ऑफ इंग्लैंड ने पाया है कि नोट यानी कैश के जरिए कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा कम है।
इस अध्ययन के दौरान कोरोना के सबसे खराब स्थिति पर शोध किया गया है। जहां एक कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को खांसी हुई या किसी नोट पर छींक हुई। शोधकर्ताओं ने पाया कि सतह पर कोरोना के वायरस का स्तर एक घंटे के बाद कम हो गया और छह घंटे के बाद यह घटकर सिर्फ पांच फीसद या उससे भी कम हो गया।
कोरोना संक्रमित व्यक्ति के नकदी छूने से संक्रमण का खतरा कम
अध्ययन के दौरान यह भी पाया गया कि इस तरह की संभावना अपेक्षाकृत कम है क्योंकि नकदी यानी कैश को आमतौर पर पर्स में रखा जाता है। इसलिए अध्ययन में कहा गया है कि एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति के नोटों को छूने की संभावना से कोरोना का संक्रमण फैलने की संभावना कम ही बचती है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बैंक नोटों पर Sars-Cov-2 का अस्तित्व अन्य छूने वाली सतह क्षेत्रों की तुलना में कम दिखाई देता है जहां लोग नियमित संपर्क में आते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि संक्रमण के कुछ घंटों बाद भी उच्च मात्रा में संक्रमण का जोखिम कम रहता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक की नकदी पर कोरोना के वायरस का अस्तित्व बहुत अधिक नहीं है। यदि है भी तो संभावित रूप से इसके लक्षण बहुत कम दिखाई देते हैं।