Move to Jagran APP

ब्रिटिश ट्रिब्यूनल ऑपरेशन ब्लू स्टार से जुड़ी गोपनीय फाइल पर सुनाएगा फैसला

ब्रिटेन का ट्रिब्यूनल 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार में ब्रिटेन के शामिल होने संबंधी कैबिनेट ऑफिस की गोपनीय फाइलों पर फैसला सुनाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 04 Mar 2018 03:31 PM (IST)Updated: Sun, 04 Mar 2018 03:32 PM (IST)
ब्रिटिश ट्रिब्यूनल ऑपरेशन ब्लू स्टार से जुड़ी गोपनीय फाइल पर सुनाएगा फैसला
ब्रिटिश ट्रिब्यूनल ऑपरेशन ब्लू स्टार से जुड़ी गोपनीय फाइल पर सुनाएगा फैसला

लंदन, प्रेट्र। ब्रिटेन का ट्रिब्यूनल 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार में ब्रिटेन के शामिल होने संबंधी कैबिनेट ऑफिस की गोपनीय फाइलों पर फैसला सुनाएगा। सूचना की आजादी (एफओआइ) के तहत इन्हें सार्वजनिक करने की मांग की गई है।

loksabha election banner

-एफओआइ के तहत फाइलें सार्वजनिक करने की मांग की गई है

-भारत में 1984 के इस अभियान में ब्रिटेन के शामिल से संबंधित हैं ये फाइलें

मंगलवार से फास्ट टीयर ट्रिब्यूनल (सूचना अधिकार) इस मामले में तीन दिवसीय सुनवाई करेगा। ब्रिटेन के सूचना आयुक्त ने फाइलें सार्वजनिक नहीं करने के कैबिनेट ऑफिस के फैसले को सही ठहराया था। स्वतंत्र पत्रकार फिल मिलर की तरफ से केआरडब्ल्यू लॉ ने सूचना आयुक्त के फैसले को चुनौती दी है। मिलर का कहना है कि लोग 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार में भारतीय सेना को ब्रिटेन की सहायता की प्रकृति के बारे में जानने को इच्छुक हैं। तब ब्रिटेन में मार्गरेट थैचर की सरकार थी। मिलर ने कहा है कि तीन दशक पुराने दस्तावेज को सार्वजनिक करने से कूटनीतिक संबंधों को नुकसान नहीं पहुंचेगा।

कैसे उठा मामला

2014 में ब्रिटेन सरकार ने उजागर किया कि ऑपरेशन ब्लू स्टार से पहले भारतीय सेना को ब्रिटिश सेना ने सलाह दी थी। तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इसकी जांच का आदेश दिया। इसके बाद संसद में बयान दिया गया कि इस मामले में ब्रिटेन की भूमिका केवल सलाहकार की थी और स्पेशल एयर सर्विस (एसएएस) सलाह सीमित प्रभाव वाला होता है। लेकिन मिलर का कहना है कि केवल पूर्ण पारदर्शिता से ही इस मामले में सही तथ्य उजागर होंगे। जबकि कैबिनेट ऑफिस ने भारत के साथ संबंधों और राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर फाइलें सार्वजनिक करने से मना कर दिया। अगस्त 2015 में मामला सूचना आयुक्त के पास गया जिन्होंने कैबिनेट ऑफिस के रुख का समर्थन किया। इसके खिलाफ सितंबर 2016 में अपील की गई।

क्या है ऑपरेशन ब्लू स्टार

पंजाब में 1980 के दशक में खालिस्तानी आतंकवाद चरम पर होने के दौरान बड़ी संख्या में आतंकवादी अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छुप गए थे। भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर से उन्हें निकालने के लिए जून 1984 की शुरुआत में ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया था। इस दौरान बड़ी संख्या में खालिस्तानी आतंकवादी मारे गए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.